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श्वानों को सार्वजनिक स्थलों पर खाना खिलाने पर प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में बढ़ती आवारा श्वानों की आबादी के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की सू-मोटो जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि अब से आवारा श्वानों को सार्वजनिक स्थल पर खाना नहीं खिलाया जा सकेगा। कोर्ट ने कहा कि जो भी श्वानों को खाना खिलाना चाहता है, उसे अपने घर ले जा कर भोजन कराना होगा। साथ ही इसके लिए मनपा से लाइसेंस भी हासिल करना होगा। इस याचिका में धंतोली नागरिक मंडल ने भी मध्यस्थी अर्जी दायर की है, जिसमें उन्होंने धंतोली क्षेत्र में आवारा श्वानों की समस्या का जिक्र किया। मंडल की मध्यस्थती अर्जी स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि जब भी मनपा का श्वान पथक किसी भी क्षेत्र में आवारा श्वान पकड़ने के लिए जाता है, तो कोई भी कथित समाजसेवी या नागरिक उसमें बाधा न पहुंचाए। वर्ना मनपा को हर तरह की कानूनी कार्रवाई करने का हक है। इस मामले में अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं।
पुलिस को भी किया सचेत
गुरुवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में नागपुर शहर पुलिस आयुक्त और नागपुर जिला पुलिस अधीक्षक को भी जनहित याचिका में प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया। हाईकोट ने पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि शहर की सड़कों पर कोई भी आवारा श्वान न दिखे, पुलिस को समय समय पर नोटिस जारी करके नागरिकों को सचेत करने को कहा गया है।
मनपा शुरू करे हेल्पलाइन
हाईकोर्ट ने इस मामले में नागपुर महानगरपालिका को हेल्पलाइन भी शुरू करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि मनपा स्वतंत्र वाट्सएप नंबर या सोशल मीडिया अकाउंट तय करें, जहां लोग आवारा श्वानों की समस्या वहां भेज सकें। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है कि नागपुर में श्वानों की नसबंदी के लिए जो 17 करोड़ रुपए की निधि मंजूर हुई थी, उसकी अब क्या स्थिति हैं?
Created On :   21 Oct 2022 6:11 PM IST