सरकार के आदेश पर रोक , पहले की तरह जारी रहेंगे रात्रि विद्यालय

Ban on government order, night school will continue as before
सरकार के आदेश पर रोक , पहले की तरह जारी रहेंगे रात्रि विद्यालय
बॉम्बे हाईकोर्ट सरकार के आदेश पर रोक , पहले की तरह जारी रहेंगे रात्रि विद्यालय

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में उस सरकारी अधिसूचना (जीआर) की सिफारिश पर रोक लगा दी जिसके तहत रात्रि विद्यालयों के समय को रोजाना एक घंटे कम किया जाना था। इस संबंध में सरकार के विरोध में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उक्त निर्णय दिया जिससे अब रात्रि विद्यालय पहले की ही तरह हर दिन साढ़े तीन घंटे जारी रखे जा सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी इस बाबत रोक लगाने की एक अधिसूचना जारी कर दी है। इस महीने की शुरुआत में, अहमदनगर रात्रि विद्यालय के एक शिक्षक, शरद पवार ने औरंगाबाद खंडपीठ में उक्त अधिसूचना के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिस पर उक्त निर्णय लिया गया।

विवादास्पद अधिसूचना के तहत रात्रि विद्यालयों में आधे वेतन पर दिन के स्कूल के शिक्षकों को फिर से नियुक्त करने की अनुमति दी गई थी, जिस पर 2017 में प्रतिबंध लगाया गया था। अधिसूचना पर रोक लगने के बाद, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रक्रिया को भी अभी के लिए निलंबित कर दिया है रात्रि विद्यालयों के शिक्षकों की एसोसिएशन ने स्वतंत्रता दिवस पर आजाद मैदान में उक्त विवादास्पद अधिसूचना के खिलाफ धरना भी दिया था। अधिकांश रात्रि विद्यालयों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। साथ ही कहा गया कि रात्रि विद्यालयों का पाठ्यक्रम हालांकि नियमित दिन के स्कूलों जैसा ही है, लेकिन रात के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र शिक्षा की नियमित पृष्ठभूमि से नहीं होते हैं। या तो वे लंबे अंतराल के बाद फिर से शिक्षा ग्रहण करना शुरू कर रहे हैं या अन्य कठिनाइयों के कारण उन्हें रात्रि विद्यालयों में प्रवेश लेना पड़ता है। इन छात्रों के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता को देखते हुए, दिन में साढ़े तीन घंटे की शिक्षा भी प्रभावी ढंग से उनकी कमियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। और ऐसे परिदृश्य में, यदि समय में और कमी की सिफारिश करना अन्याय है।

Created On :   29 Oct 2022 4:08 AM GMT

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