आर्थिक परेशानियों को दूर कर रहे हैं बैंक और सहकारी संस्थाएं

Banks and cooperative institutions are removing financial problems
आर्थिक परेशानियों को दूर कर रहे हैं बैंक और सहकारी संस्थाएं
आर्थिक परेशानियों को दूर कर रहे हैं बैंक और सहकारी संस्थाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के संक्रमण के कारण टूट चुके उद्योगों और अाम जनता को वापस खड़े होने के लिए बैंक और सहकारी संस्थाएं अहम भूमिका निभा रही है। लॉकडाउन के बीच भी डॉक्टर्स, नर्स, सरकारी बैंकों आदि की तरह बैंक और सहकारी संस्थाओं ने निडर होकर जनता की सेवा की है। सरकार द्वारा लाई जानेवाली विविध योजनाओं को जनता तक पहुंचाना बैंकों का काम है। रिजर्व बैंक द्वारा घटाए गए रेपो रेट के कारण बैंकों ने भी अपनी ब्याजदर में कमी की है। लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे व्यापार और उद्योगों के लिए विविध योजनाओं की पेशकश की जा रही है। जनता का विश्वास बैंकों और सहकारी संस्थाओं पर दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के बीच भी लोगों ने यहां अच्छी-खासी रकम जमा की है। नवीन सुभेदार क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष श्रीराम मांडसकर ने कहा कि आर्थिक तंगी के दौर में आर्थिक मदद प्रदान करना हो या घर-घर जाकर रकम जमा करने का काम हो। सभी में सहकारी संस्थाएं आगे रही हैं। बैंकों की इस सेवा की सभी ओर तारीफ की जा रही है।
शिक्षक सहकारी बैंक के अध्यक्ष अनिल सोले ने बताया कि बैंकों और सहकारी संस्थाओं द्वारा कम ब्याजदर पर आकर्षक योजनाएं पेश की जा रही हैं। ग्राहकों की सुविधा के लिए गोल्ड लोन, होम लोन, मारगेज लोन, व्यवसाय और उद्योगों के लिए कर्ज, पर्सनल लोन, वाहन खरीदी के लिए लोन, फिक्स डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट आदि योजनाएं पेश की जा रही हैं। गोदावरी अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सीईओ व एमडी धनंजय तांबेकर ने बताया कि बैंक और सहकारी संस्थाओं द्वारा आसानी से कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। जनता को इन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए।  

आवश्यक सेवाएं देती हैं दि धरमपेठ महिला

दि धरमपेठ महिला मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मर्या. नागपुर की स्थापना 1994 में हुई थी। आरंभ से ही संस्था ने आम जनता के बीच विश्वास कायम किया। 2009 में संस्था को मल्टीस्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ। संस्था की अध्यक्ष नीलिमा बावने ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक संस्था के 1 लाख से अधिक सभासद, 1178.79 करोड़ का डिपॉजिट है। संस्था ने 655.80 करोड़ रुपए का कर्ज बांटा है। 608.49 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस वित्त वर्ष में सोसाइटी ने 5.30 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया है। संस्था की संपत्ति 50.14 करोड़ रुपए हैं। संस्था की ओर से समय-समय पर विविध योजनाएं पेश की जाती हैं। संस्था को लगातार ऑडिट वर्ग अ मिल रहा है। मल्टीस्टेट का दर्जा प्राप्त करने वाली यह महिलाओं की पहली संस्था है। संस्था की ओर से 2020-21 के लिए 1250 करोड़ रुपए के डिपाॅजिट का लक्ष्य रखा गया है। यहां से आरटीजीएस, एनईएफटी, फोरेक्स और मनी ट्रांसफर की सुविधा है। बिजली बिल काउंटर, एलआईसी पॉलिसी निकालने और किस्त जमा करने की सुविधा है। धरमपेठ महिला की मुख्य शाखा धरमपेठ में है।

स्वयंरोजगार के लिए अग्रसर सहायता महिला

सहायता महिला अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी का प्रमुख उद्देश्य महिला बचत गट के माध्यम से स्वयंरोजगार व लघु उद्योजकों को कार्य के माध्यम से सहायता कर सक्षम बनाना है। संस्था द्वारा अल्पावधि में बचत गट के माध्यम से महिलाओं के लिए व नए ग्राहकों के लिए अलग-अलग योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत पैठणी महिला बचत गट, सहायता जीवन आधार योजना, शेतकरी सहायता जीवन आधार योजना, शेतकरी सहायता योजना, महिलाओं के लिए माइक्रो फाइनांस योजना चलाई जा रही है। गैस सुरक्षा योजना के माध्यम से महिलाओं को गैस की जानकारी दी जा रही है। पैठणी उपयोग योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहा है। संस्था के संस्थापक राम वाघ तथा सभी संचालक मंडल सचिव प्रीतिताई भुजाडे, रनजीत मित्रे, सुनीता काले आदि प्रयासरत है।
 

Created On :   26 July 2020 5:25 PM IST

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