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ओबीसी आरक्षण पर महाविकास आघाड़ी में श्रेयवाद की लड़ाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत की सीमा में रहकर ओबीसी को आरक्षण बहाल करने संबंधी विधेयक पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हस्ताक्षर के बाद महाविकास आघाड़ी में श्रेय लेने की होड़ नजर आ रही है। बुधवार को ओबीसी आरक्षण पर प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की। वडेट्टीवार ने कहा कि राज्यपाल ने विधेयक को 1 फरवरी को मंजूरी दी थी। इसलिए हमने ओबीसी के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करके उनका विशेष रूप से आभार प्रकट किया है। राज्यपाल से महाविकास आघाड़ी के मंत्रियों के अलग-अलग मुलाकात के सवाल पर वडेट्टीवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर श्रेयवाद की कोई लड़ाई नहीं है। मैं कांग्रेस की ओर से नहीं बल्कि ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की है।
वडेट्टीवार ने कहा कि मुझे मालूम नहीं था कि ओबीसी आरक्षण विधेयक को लेकर प्रदेश के खाद्य, नागरिक व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ 1 फरवरी को मुलाकात करने वाले हैं। इसलिए मैं उनके साथ में राज्यपाल के पास नहीं गया था। वडेट्टीवार ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी को सुनवाई होगी। हमें उम्मीद है कि 4 फरवरी तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ओबीसी के आंकड़े की अंतरिम रिपोर्ट दे देगा। राज्य सरकार अंतरिम रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी। साथ ही एक प्रति राज्य चुनाव आयोग को सौंप देगी।
Created On :   3 Feb 2022 12:35 PM IST