बेहतर शोध कर विकास में बने सहभागी

Become a participant in development by doing better research
बेहतर शोध कर विकास में बने सहभागी
भोपाल बेहतर शोध कर विकास में बने सहभागी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अटल बिहारी बाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एग्पा) के नरोन्हा प्रशासन अकादमी में आयोजित पीएच.डी. कोलोक्वियम (विमर्श) में कृषि वैज्ञानिक और शोधार्थियों ने विमर्श किया। सत्र में कृषि और ग्रामीण विकास पर डिस्कशन हुआ। इसमें 11 पीएच.डी. स्कॉलर ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

प्रशासन अकादमी में ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के मूल आधार कृषि क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी लाने पर विचार किया गया। सत्र में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में शोध के द्वारा नवीनतम तकनीकों के उपयोग पर भी कृषि वैज्ञानिकों और शोधार्थियों में विमर्श हुआ। सत्र में अध्यक्षता करते हुए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के संचालक डॉ. एस. बी.नाहटकर ने शोधार्थियों से कहा कि वे शोध के जरिए मध्यप्रदेश के विकास में सहभागी बनें। वैज्ञानिक तरीके से शोध कर बताएँ कि हमें कृषि को और अधिक लाभदायक बनाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए? कृषि संबंधी विभिन्न क्षेत्रों में अपनाई जाने वाली तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन करें। अपनाए जाने वाले तरीकों में आवश्यकतानुसार सुधारों के लिए कारगर उपायों के बारे में अध्ययन करें। सरकार के द्वारा संचालित किसान-कल्याण की योजनाओं से किसानों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों और प्रभावों का अध्ययन कर रिसर्च पेपर तैयार करें।

सामाजिक जीवन में आने वाले परिवर्तनों, ग्रामीण विकास और कृषि के विकास में शोध कार्य कारगर कदम साबित होंगे। अकादमी में विमर्श में कृषि वैज्ञानिकों ने पीएच.डी. स्कॉलर से अपेक्षा की कि उनके द्वारा किए गए शोध कार्य, कृषि को उन्नत बना कर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनाने में लाभकारी साबित होंगे।

विमर्श में एम.लक्ष्मी दुर्गा, श्री प्रदीप कुमार यादव, बबीता बॉबी चौहान, श्री राजू सिंह भिंडे, श्री शिवकुमार रककसागी, नमिता आहाके, श्री गणेश मलगया, भारती परमार, हेमलता यादव और निर्मला जमरा ने अपनी रिसर्च संबंधी जानकारियाँ साझा की।

Created On :   29 April 2022 5:38 PM IST

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