अस्पतालों में कम पड़ रहे बेड, आईसीयू के लिए भी मारामारी, हर तबका हो रहा परेशान 

Beds are falling short in hospitals, fighting for ICU too, every section is getting upset
अस्पतालों में कम पड़ रहे बेड, आईसीयू के लिए भी मारामारी, हर तबका हो रहा परेशान 
वायरल और डेंगू का अटैक  अस्पतालों में कम पड़ रहे बेड, आईसीयू के लिए भी मारामारी, हर तबका हो रहा परेशान 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में वायरल और डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सघन और पिछड़ी बस्तियों में डेंगू समेत अन्य मच्छर जनित रोगों ने हमला बोल दिया है। कई मामलों में तो पीडि़त अस्पताल पहुँचने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। सरकारी समेत निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड की मारामारी है। कुछ निजी अस्पतालों ने मरीजों की संख्या को देखते हुए बेड भी बढ़ाए हैं, इसके बाद भी मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं। डेंगू के मरीजों के हाल और भी बेहाल हैं। अधिकतर मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी आ गई है।  प्लेटलेट्स की डिमांड बढऩे से शहर के तीनों शासकीय ब्लड बैंकों में लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। जिला अस्पताल विक्टोरिया में लाखों रुपए की प्लेटलेट्स एफरेसिस मशीन कंडम हो जाने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। निजी ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स के लिए ज्यादा कीमत वसूली जा रही है। बता दें कि सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू के मरीजों की संख्या 200 के पार पहुँच गई है। 
रियलिटी - सिर्फ एल्गिन और मेडिकल में एसडीपी, विक्टोरिया में मशीन ठप 
जिले के शासकीय ब्लड बैंकों में इन दिनों भारी भीड़ है। किसी भी वक्त यहाँ लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। एल्गिन और मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंकों में पीआरपी और एसडीपी दोनों की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, वहीं विक्टोरिया के ब्लड बैंक में करीब 5 वर्ष पहले आई 30 लाख रुपए की लागत वाली एफरेसिस मशीन बमुश्किल 1-2 बार ही उपयोग हो सकी और कंडम हो गई। ब्लड बैंकों के सूत्रों अनुसार यह मशीन मेडिकल कॉलेज को देने की बात कही गई थी, लेकिन मेेडिकल कॉलेज ने खराब मशीन को लेने से इनकार कर िदया। बीच में इस मशीन में सुधार कार्य कराया गया था, लेकिन यह फिर से खराब हो गई और अब कहा जा रहा है कि मशीन को भोपाल भेज दिया गया है।  मरीजों के बढ़ते दबाव के बीच पीआरपी की सुविधा अभी एक-दो दिन पूर्व ही शुरू हुई है। 
जिसे जरूरत नहीं, उसे भी चढ़ा रहे प्लेटलेट्स 
डेंगू के मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की कमी होने और ब्लड बैंकों में लगी लंबी कतार की एक वजह यह भी सामने आ रही है कि जिन मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं है, उन्हें भी प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही हैं। वहीं चिकित्सकों द्वारा प्लेटलेट्स के लिए एसडीपी को प्राथमिकता दिया जाना भी एक बड़ा कारण है, जबकि पीआरपी भी प्लेटलेट्स प्राप्त करने का आसान तरीका है। इसके बाद भी निजी अस्पतालों और निजी लैब द्वारा लूट शुरू कर दी गई है। 

Created On :   30 Aug 2021 3:42 PM IST

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