पहचान छिपाकर नाबालिग से दोस्ती की बाद मेें कया दुष्कर्म

Befriending a minor by hiding identity, what was the rape later
पहचान छिपाकर नाबालिग से दोस्ती की बाद मेें कया दुष्कर्म
सिविल लाइन पुलिस ने रेप और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज की एफआईआर पहचान छिपाकर नाबालिग से दोस्ती की बाद मेें कया दुष्कर्म

डिजिटल डेस्क  सतना। सिविल लाइन पुलिस ने एक युवक पर पहचान छिपाकर नाबालिग से दोस्ती के बाद दुष्कर्म करने के आरोप में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम का अपराध दर्ज किया है। नए एक्ट के तहत जिले में यह दूसरी कायमी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी मोहम्मद रफीक पुत्र मोहम्मद हलीम, निवासी जैतवारा ने वर्ष 2018 में स्कूल जाते समय नाबालिग से जान-पहचान बढ़ाकर दोस्ती कर ली, मगर तब उसने असली नाम छिपाकर मोनू सिंह के रूप में परिचय दिया था। मिलने-जुलने के दौरान 17 सितंबर 2018 को आरोपी के द्वारा पीडि़ता को अपने एक दोस्त के घर ले जाकर अश्लील हरकत की गई। फिर इसी साल नवंबर में भी घुमाने के बहाने दोस्त के घर बुलाकर नाबालिग से दुष्कर्म किया और चुपके से वीडियो भी बना लिया। 
वीडियो वायरल करने की धमकी देकर डराया —-
ज्यादती का विरोध करने पर आरोपी ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पीडि़ता का मुंह बंद करा दिया। इसके बाद कई बार आरोपी रफीक ने पीडि़ता को अलग-अलग जगह बुलाकर मनमानी की, मगर बदनामी के डर से वह चुप रही। यह सिलसिला वर्ष 2021 के अप्रैल महीने तक चलता रहा। इसी बीच पीडि़ता के हाथ आरोपी का आधारकार्ड लग गया, तब उसके सामने मोनू की पहचान उजागर हो गई, लिहाजा नाबालिग ने रिश्ता तोड़ लिया। इसके बाद भी आरोपी उसका पीछा करने से बाज नहीं आया। 
चाकू लेकर पहुंच गया घर —-
जब नाबालिग ने मिलना-जुलना और बात करना बंद कर दिया तो आरोपी आपे से बाहर होकर रविवार शाम को उसके घर पर धमक गया। दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनकर पीडि़ता बाहर निकली तो रफीक ने जबरन घर में घुसकर हाथ पकड़ लिया और चाकू अड़ा दिया। तब तक चीख-पुकार सुनकर पीडि़ता के परिजन भी आ गए, जिन्होंने जान की बाजी लगाकर आरोपी को पकड़ लिया और फौरन पुलिस को खबर कर दी, जिस पर थाने की टीम ने गांव जाकर रफीक को हिरासत में ले लिया, तो पीडि़ता को परिजनों समेत थाने बुलाकर बयान लेते हुए आईपीसी की धारा 452, 323, 354, 354 (घ) 376 (3) 506, पाक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 7, 8, आम्र्स एक्ट की धारा 25बी एवं मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3, 5 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया।
 

Created On :   20 Sep 2021 8:04 AM GMT

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