बैतूल के बहुचर्चित तिहरे हत्याकाण्ड के आरोपी को मिली जमानत

Betul accused gets bail in the famous triple murder case
बैतूल के बहुचर्चित तिहरे हत्याकाण्ड के आरोपी को मिली जमानत
बैतूल के बहुचर्चित तिहरे हत्याकाण्ड के आरोपी को मिली जमानत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बैतूल के बहुचर्चित तिहरे हत्याकाण्ड में फंसे आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत का लाभ दिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने अपने फैसले में पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ जुटाए गए सबूतों को प्रथम दृष्टया अस्पष्ट मानते हुए यह फैसला दिया। बैतूल पुलिस द्वारा 29 नवम्बर 2019 को गिरफ्तार किए गए जितेन्द्र मालवी की ओर से दायर इस जमानत अर्जी में कहा गया था कि उसके चाचा नंदकिशोर व दो महिलाओं की हत्या 20 नवम्बर की रात को कर दी गई थी। जितेन्द्र 20 नवम्बर को तिरूपति बालाजी से ट्रेन में चला और 21 नवम्बर की रात करीब 3 बजे वापस बैतूल लौटा। आवेदक की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे, अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी व अंशुल गर्ग की दलील थी कि पुलिस जब आरोपियों को पकडऩे में नाकाम रही, इसलिए जितेन्द्र को ही इस तिहरे हत्याकाण्ड में गिरफ्तार कर लिया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने पूरे मामले का अवलोकन करते हुए आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य को मिली अग्रिम जमानत
जस्टिस विजय शुक्ला की एकल पीठ ने पन्ना के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल तिवारी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया है। तिवारी के खिलाफ सांईं नगर थाने में मामला दर्ज है। उस पर आरोप है कि उसने मजदूरों को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और वर्तमान विधायक प्रहलाद लोधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करके उन्हें उकसाया था। सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से अधिवक्ता शिवम हजारे की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया।
अंतरिम राहत में संशोधन के लिए एकलपीठ के समक्ष दायर करो आवेदन
जस्टिस संजय यादव की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने सरकार की उस अपील का निराकरण कर दिया, जिसमें राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य पद से प्रदीप अहिरवार को हटाए जाने पर एकलपीठ द्वारा रोक लगाए जाने को चुनौती दी गई थी। सरकार की अपील पर प्रारंभिक सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि अंतरिम राहत में यदि सरकार कोई संशोधन चाहती है, तो वह एकलपीठ के सामने ही आवेदन दायर करने स्वतंत्र है। इस निर्देश के साथ युगलपीठ ने अपील का निराकरण कर दिया।
जातिगत अपमान करने वाले को नहीं दे सकते अग्रिम जमानत
जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने एसटीएससी एक्ट के तहत जातिगत अपमान करने के आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि एससीएसटी कानून के तहत अग्रिम जमानत का प्रावधान लागू नहीं होता, इसलिए आरोपी को यह लाभ नहीं दिया जा सकता। सागर के खुरई में रहने वाले मुकेश कौशिक पर आरोप है कि उसने 7 फरवरी 2020 की सुबह अपनी दुकान के सामने खड़े हेमंत राजा का जातिगत अपमान किया। आपत्तिकर्ता द्वारा आपत्ति करने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से पैनल अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने पैरवी की।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 13 चार्जमैनों की पदावनति पर रोक
केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर और प्रशासनिक सदस्य नवीन टंडन ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री इटारसी के 13 चार्जमैनों को पदावनत करने पर रोक लगा दी है। कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता नरेन्द्र पाल सिंह रूपराह की दलील थी कि तकनीशियन कोर्स के आधार पर उनको मुवक्किलों को वर्षों पहले पदोन्नति मिली थी। अब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा उनके मुवक्किलों की डिग्रियों पर प्रश्नचिन्ह लगाना अवैधानिक है।
सरकारी आवास के मामले में पूर्व मंत्री साधो की याचिका खारिज
पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधों को भोपाल के चार इमली में आवंटित सरकारी आवास खाली कराने संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने के कारण जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने खारिज कर दी है। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि वो इस मुद्दे पर सरकार को आवेदन दें। इस याचिका में आवास खाली करने बीते 13 और 14 मई को जारी आदेशों को चुनौती दी गई थी। शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ए राजेश्वर राव ने पैरवी की। 
 

Created On :   29 May 2020 3:01 PM IST

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