शोध पद्धति एवं बोैद्धिक संपदा अधिकार पर बेवीनार का हुआ आयोजन

Bevinar organized on Research Methodology and Intellectual Property Rights
शोध पद्धति एवं बोैद्धिक संपदा अधिकार पर बेवीनार का हुआ आयोजन
पन्ना शोध पद्धति एवं बोैद्धिक संपदा अधिकार पर बेवीनार का हुआ आयोजन

डिजिटल डेस्क,  पन्ना। शोध पद्धति एवं बोैद्धिक संपदा अधिकार पर छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना में एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। बेवीनार का प्रारंभ करते हुूये महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एच.एस.शर्मा ने शोध का महत्व एवं शोध के संरक्षण के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों के उपयोग पर जानकारी ली गई। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जी.एस.रोहित ने बेवीनार में बताया कि शोध से तार्किक समीक्षा की दृष्टि मिलती है। शोध के बिना ज्ञान और विकास में वृद्धि संभव नही है। आमंत्रित वक्ता समाज शास्त्र प्रोफेसर महेश शुक्ला टीआरएस कालेज रीवा, प्राध्यायपक डॉ. एस.पी. शुक्ला राजनीति विज्ञान रीवा एवं डॉ.के.बी. परिहार प्राध्यापक अंग्रेजी महाराजा बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर आदि द्वारा विषय वस्तु पर उद्बोधन दिया गया तथा महत्वपूर्ण जानकारिया दी गई। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी प्रोफेसर पी.पी.मिश्रा ने बताया कि बौद्धिक संपदा का महत्व तेजी के साथ बढ़ रहा है बौद्धिक संपदा का ज्ञान अर्थव्यवस्था का आधार है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में इसका महत्व होने के कारण यह उद्यमों की प्रतिस्पर्घा सुनिश्चित करने के लिये प्रासंगिक होती जा रही है बेवीनार का समापन प्राध्यापक डॉ.एस.पी.एस परमार के धन्यवाद उद्बोधन के साथ संपन्न हुआ। बेवीनार के संयोजक डॉ. श्वेता ताम्रकार सहायक प्राध्यापक रसायनशास्त्र ने भी अपने विचार रखे। बेवीनार का तकनीकी संयोजन सहायक प्राध्यापक मयंक सिंह द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। प्राध्यापकद्वय पुष्कर सिंह एवं शुभम सिंह ने तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया। बेवीनार में डॉ. ऊषा मिश्रा, डॉ. उमा त्रिपाठी, डॉ. एस.के. पटेल, डॉ. एस.एस. राठौर, डॉ. जे.के. वर्मा, डॉ. मनोरमा गुप्ता, डॉ. शिवगोपाल सिंह की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। 
 

Created On :   18 May 2022 5:03 PM IST

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