मेडिकल से कोरोना पाँजिटिव कैदी को भगाने हुआ था डेढ़ लाख में सौदा-अस्पताल कर्मी व पुलिस कर्मियों की मिली भगत उजागर हुई 

Bhagat received from hospital personnel and police personnel exposed
मेडिकल से कोरोना पाँजिटिव कैदी को भगाने हुआ था डेढ़ लाख में सौदा-अस्पताल कर्मी व पुलिस कर्मियों की मिली भगत उजागर हुई 
मेडिकल से कोरोना पाँजिटिव कैदी को भगाने हुआ था डेढ़ लाख में सौदा-अस्पताल कर्मी व पुलिस कर्मियों की मिली भगत उजागर हुई 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । इंदौर में चिकित्सक दल पर पत्थरबाजी करने के मामले में जबलपुर जेल भेजे गये कैदी जावेद खान को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मेडिकल में भर्ती कराया गया था। विगत 11 अप्रैल को मेडिकल में भर्ती कराए जाने बाद दस दिनों में उसने अस्पताल कर्मियों व सुरक्षा में लगे सिपाहियों से जान पहचान बना ली और फिर अस्पताल से भागने की योजना बनाई। जानकारों के अनुसार कैदी को फरार कराने के लिए डेढ़ लाख में सौदा तय होने की बात सामने आई है, इसे गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दिए गये हैं।
 सूत्रों के अनुसार मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना कैदी जावेद खान ने वहाँ रहते हुए वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों से जान पहचान कर ली थी। उसके फरार होने के बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा की गयी पूछताछ में यह बात उजागर हुई है कि उसने वार्ड में भर्ती सुरेंद्र सोनी का मोबाइल लेकर अपने परिजनों से कई बार बात भी की थी। यह भी जानकारी लगी है कि उसे अस्पताल से भगाने के लिए अस्पताल के कुछ कर्मचारियों जिनमें वार्ड ब्वॉय, सुपरवाइजर व सुरक्षा कर्मी की संलिप्तता है, इन लोगों से कैदी की बातचीत होने की जानकारी लगी है। प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि कैदी को भगाने में सहयोग करने के पीछे डेढ़ लाख में सौदा तय हुआ था। पैसे कैसे दिए जाएँगे और कब दिए जाएँगे इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस कर्मी उस वक्त कैदी के कक्ष के बाहर नहीं खड़े थे, वे नीचे खड़े होकर ड्यूटी कर रहे थे और इसका फायदा उठाते हुए वह बड़े आराम से फरार हो गया। 
बाइक चोरी करते हुए पकड़ाया 
सूत्रों के अनुसार मेडिकल से भागने के बाद जावेद एक आयशर ट्रक पर सवार होकर रात में सूरतलाई राजमार्ग पहुँचा था। वहाँ पर रात में वह एक रेत के ढेर पर कुछ घंटे सोया फिर करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर तेंदूखेड़ा बॉर्डर पार करते हुए मदनपुर चैक पोस्ट को क्रॉस कर इंदौर जाने की फिराक में था। चैक पोस्ट पार करने के बाद उसने बाइक क्रमांक एमपी 04 एमजे 4807 को चोरी करने का प्रयास किया, इस दौरान वनरक्षक और कोटवार व दो पुलिस कर्मियों की उस पर नजर पड़ी और वह पकड़ा गया। 
लिफ्ट देने वाले सहित 4 आइसोलेशन में 
अस्पताल से निकलने के बाद अंधमूक के पास जावेद ने बाइक सवार लखनादौन निवासी रॉकी से लिफ्ट माँगी थी। बाइक पर रॉकी का एक अन्य साथी भी था। सुबह जब रॉकी ने जावेद की तस्वीर देखी तो उसने पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। रॉकी ने पुलिस को बताया कि करीब 1 किलोमीटर तक जावेद उसकी बाइक पर बैठा हुआ था, उसको हाईवे पर छोड़कर वे सिहोरा आ गये थे। सिहोरा में रॉकी जिस कमरे में रुका था वहाँ सिहोरा के दो अन्य लोग भी रुके हुए थे। इन चारों को आइसोलेट किया गया है।
पकड़े जाने के बाद कैदी ने पुलिस को गुमराह करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह अपनी पहचान नहीं छिपा सका। पहले उसने अपना नाम योगेश बताया था लेकिन सिपाही ने जब उसे पहचान लिया तो उसने अपना असली नाम जावेद खान बताया, उसके बाद पूरी टीम सकते में आ गयी।
इनका कहना है
जावेद खान कैसे फरार हुआ और उसे भगाने में किसकी भूमिका थी, इसकी जाँच कराई जा रही है। वहीं डेढ़ लाख में सौदा तय होने की जानकारी लगी है, इस बिंदु पर भी जाँच होगी। 
- अमित सिंह, एसपी
 

Created On :   21 April 2020 2:48 PM IST

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