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पिछली सरकार में भनोत थे स्वास्थ्य मंत्री, वे बताएँ कोरोना से निपटने क्या कदम उठाए
कोविड-19 से निपटने सरकार की कार्यप्रणाली को चुनौती देने वाली पूर्व वित्त मंत्री की याचिका पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 5 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाने वाली पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत की याचिका पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सरकार द्वारा प्रारंभिक आपत्ति लेते हुए कहा गया कि पिछली सरकार में याचिकाकर्ता के पास स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार भी था। उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए थे। इस पर भनोत के वकील ने कहा कि वे बिन्दुवार बताएंगे कि उनके द्वारा क्या कदम उठाए गए। दोनों पक्षों के दावों पर चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 5 मई को निर्धारित की है।
तरुण भनोत की ओर से दायर इस जनहित याचिका में आरोप है कि कोरोना से लडऩे के लिए फील्ड पर मौजूद डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों व अन्य के लिए पीपीई किट ही नहीं हैं। प्रभावित जिलों की सीमाएँ सील नहीं हुईं हैं और एक के बाद एक लगातार विपरीत आदेश पारित किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, संकट के इस दौर से निपटने के लिए जनप्रतिनिधियों से कोई राजनीतिक संवाद भी नहीं किए जा रहे, जो अवैधानिक है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव हाजिर हुए। श्री कौरव ने याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति लेते हुए कहा कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और याचिकाकर्ता तो खुद पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। सरकार से पूछने से पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कोरोना से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए थे। इस पर श्री शेखर ने कहा कि वे हलफनामा देकर बताएंगे कि पिछली सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए थे।
Created On :   30 April 2020 2:42 PM IST