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भास्कर ऑन स्पॉट - माइनिंग के जाँच नाकों के हाल - सरकारी अमला गायब, मौके पर जाँच करते मिले ठेका कंपनी के कर्मचारी
भेड़ाघाट नाका में शासकीय कर्मियों की जगह ठेकेदार के आदमी जाँच रहे थे दस्तावेज, इधर तिलवारा नाका में दिखा सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने रेत नाके बनाए गए हैं ताकि यहाँ से विधिवत निगरानी की जा सके। इन रेत नाकों में राजस्व, पुलिस, खनिज निगम, मंडी बोर्ड और फॉरेस्ट विभागों के कर्मचारियों की 8-8 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन सोमवार करीब 3 बजे भेड़ाघाट चौराहा के आगे भीटा स्थित रेत नाका में तस्वीर अलग मिली...। यहाँ सरकारी िवभागों के कर्मचारी नदारद रहे। ठेका कंपनी के कर्मी ईटीपी की जाँच करते नजर आए। हकीकत यह भी सामने आई कि इन रेत नाकों को ठेकेदार के कर्मचारी ही चला रहे हैं। पूरा हिसाब-किताब यही देख रहे हैं। इसी तरह तिलवारा स्थित रेत नाका में सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी मिला। यहां पर भी ठेकेदार के दो कर्मी गाडिय़ों की गिनती करते व परमिटों की जांच करते मिले।
तेवर के पास बना ली एक प्राइवेट चौकी
जिले में रेत की 47 खदानें हैं जिसमें से 14 रेत खनन करने का ठेका आराध्या लॉजिस्टिक प्राईवेट लिमिटेड के बृजेश सुहाने को मिला है। ठेका कंपनी में कई पार्टनर हैं सभी अपने तरीके से निगरानी कर रहे हैं। नाकों में पार्टनर वंशिका कंपनी के कर्मी थे। वहीं तेवर के पास एक प्राईवेट चौकी भी बनी है जहाँ भी वाहन चालकों को परमिट दिखाना पड़ता है। यह चौकी बरगी विधायक संजय यादव के पक्ष के लोगों की बताई गई है। एक ईटीपी (ट्रांजिट परमिट) में तीन से चार वाहन निकाल देते हैं यही खेल ठेका कंपनी खेल रही है। इस तरह सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और जमकर खनन किया जा रहा है।
सख्त हिदायत है कि ठेकेदार के कर्मी न रहें
खनिज का अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन न हो इसके लिये ही जिले में पाँच रेत नाके बनाये गये हैं। जिसमें तिलवारा पुल के पास जोधपुर पड़ाव वनोपज जाँच चौकी, मंगेली में सिद्धी विनायक ढाबा के पास, ग्राम पावला चौराहा, बरेला-मंडला रोड टोल नाका के पास व भेड़ाघाट चौराहा के पास भीटा गाँव में बनाए गए हैं। इन नाकों में मंडी बोर्ड के कर्मी तो अभी तक ड्यूटी करने कहीं पहुँचे ही नहीं दूसरी तरफ अन्य विभाग के कर्मचारी भी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि ठेका कर्मी इन नाकों में काम संभाल रहे हैं जबकि सख्त हिदायत है कि ठेकेदार के कर्मी किसी भी हाल में न रहें।
मौके पर ये मिले
तिलवारा नाका में खनिज निगम के एपी सिंह बैठे थे और एक फॉरेस्ट कर्मी महेश सोनी बाद में आ गये। जबकि ठेका कर्मी नरेन्द्र सिंह और नारायण पटेल यहाँ बैठे थे। इसी तरह भीटा नाका में ठेका कर्मी दिलीप पटेल, राजेश शर्मा, संतोष पटवा, सचिन शर्मा और एक अन्य कर्मी तैनात थे। बरेला में टोल नाका कर्मी ही व्यवस्था संभाल रहे हैं। नाकों की िनगरानी के लिये सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं लेकिन निगरानी नहीं होती।
निकलते हैं 500 से ज्यादा वाहन
जिले में पाँचों नाकों से 5 सौ से ज्यादा वाहन रेत के निकलते हैं। भीटा से 24 घंटे में 248 से ज्यादा वाहन निकले थे जिनकी जाँच की गई थी। इसी तरह तिलवार से एक दिन में 237 से ज्यादा वाहन निकले थे।
अवैध परिवहन के बनाए 34 प्रकरण
खनिज विभाग ने पिछले डेढ़ माह में अवैध परिवहन से जुड़े 34 प्रकरण बनाये हैं। इसी तरह अवैध उत्खनन को लेकर 5 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इसमें रेत के अलावा अन्य खनिज के भी मामले हैं। कलेक्टर न्यायालय से इन प्रकरणों में से 27 प्रकरणों का निराकरण हुआ है जिसमें 6 लाख 73 हजार 800 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इनका कहना है
खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने चौकियाँ बनाई गईं हैं, यहाँ कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। खनिज विभाग की टीम यहाँ जाँच करती है। नाकों पर ठेका कंपनी वालों को बैठने की परमीशन नहीं है अगर ये कहीं बैठ रहे हैं तो नियमानुसार जाँच करके कार्यवाही की जायेगी।
पीके तिवारी जिला खनिज अधिकारी
Created On :   16 March 2021 2:42 PM IST