नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे के लिए बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर लाना बड़ी चुनौती

Big challenge for newly elected VP Kumbhare to bring deteriorating system back on track
नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे के लिए बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर लाना बड़ी चुनौती
नागपुर नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे के लिए बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर लाना बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। सड़कें खस्ताहाल हैं। नवनिर्वाचित जिला परिषद उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे के सामने सड़कों की मरम्मत और स्वास्थ्य सेवा पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। चूंकि लोकनिर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग का सभापति पद उपाध्यक्ष के पास है। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ माने जाने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस के चालकों को 6 माह से वेतन नहीं मिलने पर सेवा देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। गांवों में पहुंचकर नागरिकांें का वैक्सीनेशन कराने हर तहसील में 2 वैक्सीनेशन वाहन उपलब्ध कराए गए, लेकिन चालक के वेतन भुगतान के स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं। एंबुलेंस चालक का वेतन भुगतान राज्य सरकार करती है। वैक्सीनेशन वाहन के चालकों का वेतन भुगतान दायित्व तय नहीं है। इस पेंच में 50 से ज्यादा एंबुलेंस और 13 तहसील के 26 वैक्सीनेशन वाहनों के पहिये थम गए हैं। उपाध्यक्ष पद रिक्त होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग का कोई जिम्मेदार नहीं रह जाने से स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। उसे पटरी पर लाने की नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष के सामने बड़ी चुनौती है।

20 हजार किलोमीटर सड़कों की दुरुस्ती प्रस्तावित 

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पांधन सड़कों की लंबाई 10 हजार किमी और उतनी ही लंबाई की अन्य सड़कों की दुरुस्ती प्रस्तावित है। इन सड़कों की दुरुस्ती के लिए प्रति किमी 1 लाख रुपए लागत अपेक्षित है। प्रति वर्ष 30 करोड़ रुपए निधि मिलती है, जो नाकाफी हो रही है। निधि के अभाव में ग्रामीण सड़कों की दुरुस्ती का बैकलॉग साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है।

बारिश में उखड़ गईं 41 सड़कें

इस वर्ष भारी बारिश होने से 41 सड़कें उखड़ गईं। इन सड़कों की लंबाई 57.8 किलोमीटर बताई गई है। जिला परिषद के लोकनिर्माण विभाग ने मरम्मत के लिए 5 करोड़ 94 लाख 68 हजार रुपए का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है, लेकिन अभी तक सड़कों की मरम्मत के लिए फूटी कौड़ी नहीं मिली है।

वर्ष 2013 से बैकलॉग बढ़ा

अतिवृष्टि से साल 2013 में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बह गईं और पुलिया टूट गईं। जिप लोकनिर्माण विभाग ने सड़कों की मरम्मत और पुलिया दुरुस्ती के लिए 144 करोड़ का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था। उस समय ग्राम विकाव विभाग से मात्र 34 करोड़ रुपए निधि दी गई। पर्याप्त निधि उपलब्ध नहीं होने से सड़कों और पुलिया की दुरुस्ती का बैकलॉग बढ़ गया है।

 

Created On :   14 Nov 2021 4:55 PM IST

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