सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की राशि हड़पने किया बड़ा खेल

Big game done by grabbing the amount of CGHS and Ayushman Yojana
सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की राशि हड़पने किया बड़ा खेल
सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल- एसआईटी द्वारा मेडिकल स्टोर से जब्त किए गए डाटा से खुला राज सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की राशि हड़पने किया बड़ा खेल

डिजिटल डेस्क जबलपुर। राइट टाउन स्थित सेंट्रल किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना में चल रहा फर्जीवाड़ा परत दर परत उजागर हो रहा है। मामले की जाँच में जुटी एसआईटी द्वारा अस्पताल के मेडिकल स्टोर से जो डाटा जब्त किया गया था उसकी प्रारंभिक जाँच में ही इस बात का खुलासा हुआ है कि किडनी अस्पताल सिर्फ सीजीएचएस व आयुष्मान योजना के मरीजों की दम पर चल रहा था। इन्हीं मरीजों के नाम पर सरकारी योजनाओं की राशि को हड़पने का खेल खेला गया। ज्ञात हो कि इस फर्जीवाड़े में अस्पताल संचालिका डॉ. दुहिता पाठक और उनके पति अश्वनी पाठक व अकाउंटेंट जेल में है।
सामान्य बीमारी को भी दिखा दिया गंभीर
सूत्रों के अनुसार आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़ा की जाँच के लिए गठित की गई एसआईटी द्वारा अस्पताल के मेडिकल स्टोर से मरीजों से संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया गया था। इन दस्तावेजों में वर्ष 2020 के दस्तावेजो की जाँच की गई है जिसमें करीब सवा सौ मरीज ऐसे मिले हैं जिन्हें सामान्य बीमारी थी और उन्हें आयुष्मान योजना के तहत भर्ती कर उनके नाम पर योजना से पैसा निकाला गया था। यह संख्या अभी और बढऩे की आशंका जताई जा रही है, वहीं दस्तावेजों की जाँच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अस्पताल में अधिकतर मरीज सामान्य रोगोंं का इलाज कराने के लिए लाए जाते थे और आयुष्मान योजना के तहत उनके इलाज की बिलिंग की जाती थी। इसका क्लेम ले लिया जाता था।
मरीजों के बयान दर्ज होंगे
जानकारों के अनुसार दस्तावेजों से जिन मरीजों के नामों का खुलासा हुआ है उनके कथन दर्ज किए जाएँगे। मरीजों से पूछताछ की जाएगी की उन्हें कौन सी बीमारी थी और अस्पताल में उनका किस बीमारी का इलाज किया गया है। अस्पताल में भर्ती कराए जाने वाले मरीजों को पर्चे में लिखी गई दवाएँ किस रोग से संबंधित हैं इसकी जाँच मेडिकल टीम से कराई जाएगी।
एक दर्जन चिकित्सकों को नोटिस
अस्पताल का फर्जीवाड़ा उजागर होने व दस्तावेजों की जाँच में इस बात का पता चला है कि मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरोंं को बाहर से बुलाया जाता था। ऐसे करीब 1 दर्जन चिकित्सकों के नाम अस्पताल के रिकॉर्ड में मिले हैं, उन डॉक्टरों का अस्पताल से कोई एग्रीमेंट नहीं था और बिना अनुमति उनके नाम का उपयोग कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। इसकी पुष्टि करने के लिए करीब 1 दर्जन डॉक्टरों के कथन दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किए गये हैं।

Created On :   5 Sept 2022 11:10 PM IST

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