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विधानसभा में पेश हुआ शक्ति कानून का विधेयक, 21992 करोड़ रुपए की पूरक मांगे पेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन और दूसरे गंभीर अपराध रोकने के लिए प्रस्तावित शक्ति कानून से जुड़ा विधेयक सोमवार को विधानसभा में पेश कर दिया गया। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में दो विधेयक रखे। पहला विधेयक में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) और बाल यौन उत्पीड़न प्रतिबंधक कानून (पाक्सो) की धाराओं को कड़ा बनाने से जुड़ा है जबकि दूसरा विधेयक कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए हर जिले में एक या उससे ज्यादा विशेष अदालतों के गठन से संबंधित है। मंगलवार को इस पर चर्चा होगी और इसी दिन इसे मंजूरी भी मिल सकती है। आंध्र प्रदेश के दिशा कानून के तर्ज पर शक्ति कानून बनाया गया है। इसके तहत बलात्कार, एसिड हमले के मामलों में मौत की सजा और 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
प्रस्तावित कानून के तहत 15 दिन में जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल करना होगा जबकि 30 दिनों में सुनवाई पूरी हो जाएगी। फैसले के खिलाफ अपील की अवधि भी 6 महीने से घटाकर 45 दिन करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित कानून में विशेष सरकारी वकीलों और जांच के लिए विशेष पुलिस दल के गठन का प्रावधान है जिसमें कम से कम एक महिला अधिकारी होगी। पीड़ितों के लिए कानून में चिकित्सकीय और मानोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराने के साथ ही कानूनी और वित्तीय मदद की भी व्यवस्था की गई है।
21992 करोड़ रुपए की पूरक मांगे विधानसभा में पेश
कोरोना संकट से चलते मुश्किल में फंसे राज्य में विभिन्न योजनाओं को गति देने के लिए 21 हजार 992.50 करोड़ रुपए की पूरक मांगे पेश की गईं। इसमें बेमौसम बरसात के चलते किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2211 करोड़ रुपए और धान उत्पादक किसानों की मदद के लिए 2850 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन को रखने के लिए वातानुकूलित सुविधा केंद्र बनाने के लिए भी 22 करोड़ रुपए का प्रावधान है। पूरक मांगों में आरक्षण के मुद्दे पर नाराज मराठा और ओबीसी समाज की नाराजगी दूर करने और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए दोनों समाजों के लिए प्रावधान किए गए हैं। सुप्रीमकोर्ट में मराठा आरक्षण पर कानून लड़ाई लड़ रही टीम के लिए भी तीन करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ओबीसी समाज की महाज्योति संस्था को पैसे देने की मांग पिछले कुछ समय से हो रही थी। इस संस्था के लिए 81 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 11 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति का भी प्रावधान किया गया है। घुमंतू और वंचित जनजातियों के के विद्यार्थियों के लिए आश्रमशालाएं बनाने के लिए 216 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मराठा आरक्षण स्थगित होने के बाद आक्रामक मराठा समाज को मनाने के लिए सारथी संस्था के लिए 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सारथी संस्था को पैसों के लिए कई आंदोलन भी हो चुके हैं। इंदु मिल में अंबेडकर मेमोरियल के लिए 100 करोड़ रुपए, विधायक निधी के लिए भी 476 करोड़ रुपए का भी प्रावधान किया गया है। मंगलवार को पूरकमांगों पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिल सकती है।
Created On :   14 Dec 2020 8:16 PM IST