बायो मेडिकल वेस्ट बन रहा जानलेवा, यहां 400 बच्चों के जीवन से खिलवाड़

Bio-medical waste is becoming deadly specially for children
बायो मेडिकल वेस्ट बन रहा जानलेवा, यहां 400 बच्चों के जीवन से खिलवाड़
बायो मेडिकल वेस्ट बन रहा जानलेवा, यहां 400 बच्चों के जीवन से खिलवाड़

डिजिटल डेस्क शहडोल। शहर में संचालित प्राइवेट एक्शन हॉस्पिटल स्कूल में पढ़ रहे 400 बच्चों के लिए जबर्दस्त खतरा बन गया है। स्कूल के प्राचार्य द्वारा आपत्ति लगाए जाने के बाद भी अस्पताल द्वारा स्कूल परिसर में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है, जिससे बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे निजी अस्पताल लूट का अड्डा बने हैं। सर्किट हाउस के समीप संचालित एक्शन हॉस्पिटल में रुपयों के लिए एक गरीब की लाश को बंधक बना लिया गया था। अस्पताल में लगे एयर कंडीशनरों की दूषित हवा भी स्कूल की तरफ मोड़ दी गई है।

खुले में फेंक रहे बायोमेडिकल वेस्ट
स्कूल के बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा खतरा अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट है। बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने गाइड लाइन जारी की है। शहडोल संभाग में बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की कोई व्यवस्था नहीं है। शासकीय अस्पताल एवं अन्य प्राइवेट हॉस्पिटलों का बायो मेडिकल वेस्ट सतना में डिस्पोज किया जाता है, पर एक्शन हॉस्पिटल द्वारा स्कूल परिसर में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है।

स्कूल ने दर्ज कराई थी आपत्ति
हॉस्पिटल खोलने के पहले ही एक प्राइवेट स्कूल के प्राचार्य ने आपत्ति दर्ज कराई थी और कलेक्टर से लेकर CMHO, पर्यावरण विभाग तक शिकायत की थी। स्कूल प्राचार्य की शिकायत को अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया। टाईम्स पब्लिक उमावि शहडोल के प्राचार्य अधिकारियों से की गई शिकायत में स्कूल के समीप हॉस्पिटल खोलने का विरोध किया था।

शिकायत में लिखा गया था कि सर्किट हाउस बायपास रीवा रोड के पास उनका विद्यालय संचालित है। भवन मालिक द्वारा भवन के दूसरे हिस्से को एक्शन हॉस्पिटल को किराए पर दे दिया गया है। विद्यालय में दस वर्ष से कम उम्र के 400 बच्चे पढ़ते हैं। हॉस्पिटल खुलने से विद्यालय परिसर का वातावरण दूषित होगा और अभिभावक भी आपत्ति कर रहे हैं। आवेदन में अनुरोध किया था कि अस्पताल खुलने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

दफ्तरों में गुम हो गया आवेदन
स्कूल प्राचार्य ने एक साल पहले अधिकारियों को आवेदन दिया था। उसके आवेदन पर कार्यवाही तो दूर अधिकारियों ने जांच कराने की भी आवश्यकता नहीं समझी। अब तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी ऐसे किसी आवेदन पर अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी मौत की सूचना
नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने गाइड लाइन जारी की है। जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख है कि किसी रोगी की मृत्यु होने संबंधित हॉस्पिटल द्वारा 24 घंटे के भीतर स्वास्थ्य विभाग को निर्धारित फार्मेट में सूचना दी जाएगी। बताया गया है कि दल को कोठार निवासी रामपाल कोल की मौत की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देना तो दूर 12 घंटे तक उसके परिजनों को ही नहीं दी। अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के अलावा पुलिस को भी सूचना देने  की जरूरत नहीं समझी। हालांकि मरीज की मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेगा।

CMHO का कहना है कि उन्हे ऐसे की किसी आवेदन की जानकारी नहीं है। यदि कार्यालय में आवेदन दिया गया है, तो उसे दिखवाते हुए जांच की जाएगी।

Created On :   2 Sept 2017 7:02 PM IST

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