मानक स्तर पर खरा नहीं उतरने वाले 35 ज्वेलर्स की जानकारी छिपा रहा बीआईएस
डिजिटल डेस्क, नागपुर. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का काम आम जनता को मिलावटखोरी से बचाना है। लोगों को उसके प्रति जागरूक करना है, ताकि उन्हें लूट से बचाया जा सके, मगर सोने की खनक के सामने विभाग के अधिकारियों के नियम बदलते नजर आ रहे हैं। मानक स्तर पर जांच में खरा नहीं उतरने वाले 35 ज्वेलर्स पर कार्रवाई तो दूर, बीआईएस उन्हें बचाने में जुटा गया। आरटीआई से मांगी जानकारी में भी यह लिखकर दे दिया कि संबंधित ज्वेलर्स नहीं चाहते कि उनका नाम पता चले, इसलिए हम संबंधित मामले की जानकारी नहीं दे सके। दूसरी ओर मिलावटी सोना से लेकर अमान्य मानक स्तर पर सोना बेचने वालों का व्यापार धड़ल्ले से जारी है। उन्हें एक तरह से लूट की छूट दे दी गई।
उपभोक्ता से वसूली जा रही पूरी रकम : मानक ब्यूरो ने कुछ माह पहले शहर के विविध ज्वेलर्स से 800 हॉलमार्क सैंपल लिए थे। इसमें से करीब 35 सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरे। वे 24 और 18 कैरेट के नाम पर कम गुणवत्ता का माल बेच रहे थे, कुछ का सोना मिलावटी था, जबकि उपभोक्ता से पूरी रकम वसूली जा रही थी। इनमें शहर के कुछ ऐसे बड़े नाम भी शामिल हैं, जिन पर लोग आंख बंद कर विश्वास करते हैं। सामान्य मामलों में बीआईएस खुलकर मिलावटखोरों के नाम अपनी प्रेस विज्ञप्ति तक जारी कर बताता है। वे कैसे मिलावट कर रहे थे, उनसे सतर्क कैसे रहना है आदि। सोने की एक कार्रवाई में विभाग के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है। सोने के सैंपल फेल होने के करीब 6 माह बाद तक किसी भी तरह की कर्रवाई नहीं की। मामले में गोपनीयता का हलवा देकर इस पर पर्दा डाल दिया। जब इस मामले की जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट संजय बद्री प्रसाद अग्रवाल ने सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी, तो उसके जवाब में साफ कह दिया गया कि संबंधित 35 ज्वेलर्स नहीं चाहते की उनके नाम किसी के सामने आए, इसलिए वे जानकारी नहीं दे सकते।
मामले को आगे नहीं बढ़ाएं : आरटीआई एक्टिविस्ट संजय बद्रीप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जब इस मामले की अपील की गई, तो उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो, नागपुर के क्षेत्रीय प्रमुख हेमंत आडे ने अलग से बुलाकर समझाया कि इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया जाए। आरटीआई में ऐसे ज्वेलर्स पर क्या कर्रवाई की गई प्रश्न के जवाब में विभाग ने यह भी स्वीकारा की उन्होंने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
नहीं दे सकते जानकारी : आडे
इस मामले में भारतीय मानक ब्यूरो, नागपुर के क्षेत्रीय प्रमुख हेमंत आडे से दैनिक भास्कर ने सोने के सैंपल फेल होने वाले 35 ज्वेलर्स की जानकारी मांगी, तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा व्यापारियों की सहमति के बगैर हम उनके नाम साझा नहीं कर सकते।
इतवारी में बीआईएस की छापेमारी : नागपुर। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधिकारियों ने सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क के दुरुपयोग की जांच के लिए महाराष्ट्र के नागपुर सहित प्रमुख शहरों में कार्रवाई की है। नागपुर सहित मुंबई, ठाणे, पुणे के 6 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई। नागपुर में इतवारी स्थित मेसर्स रिद्धी सिद्धी हॉलमार्क के परिसरों में तलाशी व जब्ती की कार्रवाई की गई। बीआईएस द्वारा पर्याप्त परीक्षण और गुणता जांच के बिना सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क लगाकर और सोने के आभूषणों पर नकली हॉलमार्क लगाकर ग्राहकों को ठगने वाली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इस कार्रवाई के दौरान विविध स्थानों से 1.5 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का जाली हॉलमार्क सोना जब्त किया गया।
Created On :   22 Jan 2023 7:15 PM IST