राज्य सरकार के विरोध में आक्रामक मोड़ पर भाजपा, 25 को होगा आंदोलन

BJP at an aggressive turn to protest against the state government
राज्य सरकार के विरोध में आक्रामक मोड़ पर भाजपा, 25 को होगा आंदोलन
राज्य सरकार के विरोध में आक्रामक मोड़ पर भाजपा, 25 को होगा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाविकास आघाड़ी सरकार के विरोध में भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाने की योजना बनाई है। वह पूरी तरह से आक्रामक मोड़ पर आ गई है। महिला व किसान का मुद्दा प्रमुखता से उछाला जाएगा। नागरिकता संशोधन कानून सीएए व एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में किए जा रहे आंदोलनों का जवाब देने के लिए भी योजना बनाई गई है। भाजपा ने सीएए को लेकर जानकारी पुस्तिका छपाई है। वह पुस्तिका लोगों के बीच जाकर बांटी जाएगी। गौरतलब है कि 24 फरवरी से राज्य विधानमंडल का बजट अधिवेशन है। महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के बाद से ही भाजपा ठगी हुई स्थिति में है। सबसे अधिक विधानसभा सदस्य होने के बाद भी वह विपक्ष में है। लिहाजा भाजपा कुछ मुद्दों पर सरकार को चलने देने के लिए सकारात्मक व सहयोगी भूमिका निभाने की बात तो करती है, लेकिन वह सरकार को घेरने का भी इंतजार करती रही है। सरकार गठन के बाद पहला अधिवेशन नागपुर में हुआ। उस शीतकालीन अधिवेशन में भाजपा आक्रामक नहीं थी। भाजपा ने किसानों का मुद्दा अवश्य उठाया था। अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को तत्कालिक राहत देने की मांग की थी। सरकार ने राहत पैकेज के बजाय किसानों के लिए कर्जमुक्ति की घाेषणा कर दी । उसकेे बाद भाजपा का ध्यान दिल्ली के चुनाव पर रहा। इस बीच प्रदेश भाजपा का अधिवेशन हुआ। उसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को आक्रामक विपक्ष की भूमिका अपनाने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने बजट अधिवेशन के पहले 22 फरवरी को आंदोलनकारी भूमिका अपनाने का निर्णय लिया था। लेकिन समय में बदलाव कर 25 फरवरी को प्रदर्शन करना तय किया है। 25 फरवरी को राज्य में कम से कम 500 स्थानों पर प्रदर्शन होगा। महिला अत्याचार व किसानों के मामले को लेकर सरकार के विरोध में धरना दिया जायेगा। हिंगणघाट में महिला प्रोफेसर को जलाने सहित राज्य में महिला अत्याचार से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जायेगा। किसानों के लिए कर्जमाफी मार्च से लागू होने की घोषणा की गई है। लेकिन भाजपा प्रदर्शनाें के माध्यम से बताएगी कि किस तरह अतिवृष्टि व अन्य कृषि संकट के कारण किसान परेशान हैं। तहसील व जिला स्तर पर बड़ा प्रदर्शन होगा। सीएए को लेकर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। इससे पहले भाजपा ने केंद्रीय स्तर पर यह अभियान चलाया। केंद्रीय मंत्री व सांसदों को जनसंपर्क करने को कहा गया। मुस्लिम समाज के लोगों के बीच जाकर बताया गया कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। इसी अभियान को अब भाजपा के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी चलाएंगे। 

जमीयत-ए-उलेमा ने किया एनपीआर का विरोध

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में एनपीआर को स्वीकृति देकर 1 मई से प्रक्रिया आरंभ करने का अध्यादेश जारी किया है। जमीअत उलमा की नागपुर जिला शाखा ने एनपीआर को एनआरसी की कड़ी बताते हुए राज्य सरकार के अध्यादेश का विरोध किया है। जिलाध्यक्ष हाफीज मसूद अहमद हुस्सानी ने बुधवार को पत्र परिषद में कहा कि राज्य सरकार पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल तथा अन्य राज्यों की तर्ज पर विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर एनपीआर, एनआरसी और सीएए का विरोध करना चाहिए। केंद्र सरकार ने सीएए कानून लागू कर दिया है। अब एनपीआर कराया जा रहा है। देशभर में इसके विरोध में प्रदर्शन चल रहे हैं। जमीअत उलमा के उपाध्यक्ष अब्दुल बारी पटेल ने कहा कि यह काला कानून सरकार को वापस लेना चाहिए। सरकार अड़े रहने पर महात्मा गांधी के अहिंसावादी सिद्धांतों पर विरोध जारी रहेगा। सचिव अतिक कुरैशी का कहना है कि पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करने का वक्तव्य दिया था। एनआरसी की जगह केंद्र सरकार ने एनपीआर कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने एनपीआर का समर्थन करने पर जमीअत उलेमा ने कड़ी नींदा की है। पत्र परिषद में संगठन के सचिव जावेद अख्तर, राज्य कमेटी सदस्य डॉ. सरफराज, पूर्व नगरसेवक सिराज अहमद, कारी साबीर, अब्दुल अलीम, एड. फव्वाद अहमद, मोहम्मद जैद, मोहम्मद शरीफ, अब्दुल बासित, डॉ. आसिफ अंसारी, हाफीज शमीम उपस्थित थे।
 

Created On :   20 Feb 2020 5:42 PM IST

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