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भाजपा ने मनपा चुनाव के लिए किया सर्वे, आधे से अधिक नगरसेवकों की छुट्टी तय
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाजपा से बगावत कर कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले रवींद्र भोयर (छोटू भोयर) ने विधानपरिषद के स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनाव को रोमांचक बना दिया है। नामांकन दाखिल करने के बाद अब दावे-प्रतिदावे शुरू हो गए हैं। चुनावी समीकरणों पर जोर दिया जा है। चुनाव में भाजपा के पास 60 मत अधिक बताए जा रहे हैं। फिर भी भोयर ने कांग्रेस से उम्मीदवारी मांगी। कांग्रेस ने भी भोयर पर दांव खेला है। कांग्रेस के इस दांव के पीछे की वजह ढूंढी जा रही है। कई पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। राजनीतिक-गैर-राजनीतिक जानकार अनेक पहलुओं पर जोर दे रहे हैं।
आलाकमान भी गंभीर
ग्रामीण में पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार की मजबूत पकड़ है। नेताओं ने भी उन पर विश्वास जताया है। वे अपने सदस्यों को बांधे रखने के साथ दूसरे दलों के सदस्यों को भी अपने पाले में ला सकते हैं। फडणवीस-गडकरी का शहर होने से कांग्रेस आलाकमान भी इस चुनाव को गंभीरता से ले रहा है। खबर है कि पार्टी नेतृत्व ने बड़े नेताओं को साफ कहा है कि किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। आने वाले दिनों में अन्य चुनाव सहित मंत्रिमंडल का गठन भी है। ऐसे में कई के पत्ते कट सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस में अभी से एकजुटता दिखाने का प्रयास होने लगा है।
कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि भाजपा ने मनपा चुनाव के लिए एक सर्वे किया है। सर्वे के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक नगरसेवकों की छुट्टी होना तय है। इनकी जगह नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। ऐसे में 50 प्रतिशत नगरसेवकों के घर बैठने की चर्चा है। पिछले कुछ सालों में भाजपा में भी असंतोष बढ़ा है, जिसे लेकर गाहे-बगाहे नगरसेवक अपनी नाराजगी जताते रहे। इसे बड़ी वजह मानी जा रही है, जिसका फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है। इस नाराजगी को अपने पक्ष में करने के लिए भोयर पर दांव खेलने की जानकारी है। भोयर को भाजपा में नाराज सदस्यों की जानकारी है। कई सदस्य यह मानकर भी चल रहे हैं कि उन्हें अगले चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा या मिलना मुश्किल है। कुछ ऐसे भी हैं, जो भोयर की तरह काफी दिनों से नाराज हैं। भोयर इनसे आसानी से जुड़ सकते हैं।
भोयर के साथ और भी
कांग्रेस सूत्रों पर यकीन करें तो भोयर ने 15 सदस्य अपने साथ होने का दावा किया है। इसके आधार पर ही उन्हें टिकट मिला है। अधिकतर नगरसेवक मनपा में अपना इसे अंतिम कार्यकाल मानकर चल रहे हैं। पिछला चुनाव ‘लक्ष्मी दर्शन’ के बिना हुआ। एेसे में इस चुनाव से ‘महा-लक्ष्मी’ के दर्शन से खुद को दूर नहीं रखना चाहते हैं। बीएसपी, राकांपा, शिवसेना सहित अन्य पार्टी और निर्दलीय सदस्यों को अपने खेमे में लाने के लिए भरसक कोशिशें शुरू हो गई हैं। ऐसे में कांग्रेस का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। अब रही-सही कसर ग्रामीण से पूरी होने की उम्मीद है।
Created On :   24 Nov 2021 4:43 PM IST