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बेस्ट और एसटी बसों से प्रवासी मजदूरों को गांव भेजने की मांग, बीजेपी ने सीएम को लिखा खत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि प्रवासी मजदूरों को उनके गांव तक छोड़ने के लिए बेस्ट और एसटी महामंडल की बसों की व्यवस्था की जाए। मुंबई भाजपा के महामंत्री अमरजीत मिश्र ने मुख्यमंत्री को खत लिखकर मांग की है कि प्रवासियों को उनके गांव तक छोड़ने की व्यवस्था की जाए, तो आसानी होगी। विशेष बसों से अपने मूल राज्य वापस जाने की अनुमति उन्हीं प्रवासियों को दी जाए, जिनके अपने घर मुंबई में नहीं हैं। इसके अलावा जो निजी वाहन से जाना चाहें, उन्हें भी इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुंबई में एक लाख से ज्यादा काली पीली टैक्सियां उत्तर भारतियों की है। इजाजत मिलने पर वे इससे लौट सकते हैं।
मिश्र ने कहा कि महाराष्ट्र के डिजास्टर मैनेजमेंट सेल ने राजस्थान सरकार को खत लिखकर वहां फंसे राज्य के करीब दो हजार विद्यार्थियों और दूसरे लोगों को वापसी की इजाजत मांगी है। इसी तर्ज पर मुंबई और आसपास के इलाकों में फंसे प्रवासियों को भी गांव वापस लौटने की इजाजत दी जानी चाहिए। खत में मिश्र ने वापसी की पूरी रूपरेखा बताई है। उनके मुताबिक प्रवासियो के लिए जिस बस अड्डे से बस रवाना की जाएं, वहां एअरपोर्ट जैसी सुरक्षा एवं प्रवेश की व्यवस्था हो। यात्रियों को अपने मोबाइल पर टिकट दिखाने एवं अपना परिचय पत्र दिखाने के बाद ही बस अड्डे के अंदर जाने दिया जाए।
बस अड्डे के अंदर घुसते समय थर्मल स्क्रीनिंग भी हो, और शरीर का तापमान असामान्य पाए जाने पर यात्री को रोक लिया जाए। राज्य सरकार टिकट की बुकिंग ऑनलाइन कर वाट्स अप या मेल से व्यक्ति को टिकट भेज दे ताकि अफरा तफरी को रोका जा सके। महाराष्ट्र सरकार यदि संबंधित राज्य के परिवहन मंत्रालय से बात कर ले तो निर्धारित जगह पर इन यात्रियों को पहुंचाने के बाद उनके अपने गन्तव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उस राज्य के परिवहन विभाग की होगी। यात्रियों को पहले ही सूचित कर दिया जाए कि वे रास्ते के लिए भोजन व पानी का समुचित इंतजाम कर के चलें।
इस मामले में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही सहयोग करने की घोषणा की है। उन्होंने ऐसे यात्रियों को यूपी में प्रत्येक व्यक्ति को खर्च के लिए एक हजार रुपए देने की घोषणा की है। राज्य सरकार को चाहिए कि वे इन राज्य सरकारों से बात कर इस मामले का हल निकालें। मिश्र के मुताबिक इस तरह की पहल कर उत्तर भारतीय प्रवासियों को उनके गांव भेजा गया, तो एक ओर उनको मानसिक व आर्थिक राहत मिलेगी और दूसरी ओर शहर को भी भीड़- भाड़ से सुविधा मिलेगी
Created On :   27 April 2020 11:35 AM IST