विपक्ष ने नहीं पी सरकार की चाय, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी भाजपा

BJP will field candidates in the election of Speaker, decision taken in the meeting of MLAs
विपक्ष ने नहीं पी सरकार की चाय, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी भाजपा
शीतकालिन सत्र विपक्ष ने नहीं पी सरकार की चाय, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी भाजपा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बुधवार से शुरु हो रहे विधानमंडल के शीतकालिन सत्र के दौरान होने वाले विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील की मौजूदगी में भाजपा विधायकों की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है। हालांकि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला नहीं लिया है। विधानसभा सदन में महाविकास आघाड़ी के पास स्पष्ट बहुमत है। भाजपा के 106 में से 12 विधायक निलंबित हैं। निलंबित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। इससे भाजपा के पास संख्याबल और कम है। 

निर्विरोध चुनाव की संभावना 

दूसरी ओर सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव गुप्त मतदान की बजाय ध्वनिमत का तरीका अपनाने का फैसला लिया है। इससे संबंधित नियम में संशोधन के लिए सरकार की ओर से शीत सत्र के पहले दिन प्रस्ताव लाया जा सकता है। ध्वनिमत से विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होने के चलते क्रॉस वोटिंग नहीं हो सकेगी। इसके मद्देनजर समझा जा रहा है कि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार उतारने के बाद आखिरी समय में नामांकन वापस ले लेगी। इससे विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध होने की प्रबल संभावना है। 

राज्य में निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुनने की परंपरा रही है। इससे पहले फरवरी 2021 में  विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष नाना पटोले ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त है। 

विधानभवन के बाहर हंगामा कर सकते हैं निलंबित भाजपा विधायक 

विधानसभा से निलंबित भाजपा के 12 विधायकों ने अपना निलंबन वापसी के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल को पत्र लिखा है। इसके पहले विधानमंडल के मानसून अधिवेशन के दौरान विधानसभा के तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव से सदन के बाहर दुर्व्यवहार करने के आरोप में इन्हें एक साल के लिए निलंबित किया गया था। मंगलवार को भाजपा के एक निलंबित विधायक ने कहा कि हमने विधानसभा उपाध्यक्ष को अपने निलंबन को वापस लेने के लिए पत्र भेजा है। इस पत्र में माफी भी मांगी गई है। निलंबित विधायक ने कहा कि हमें नहीं लगता है कि हमने किसी से दुर्व्यवहार किया है। यदि सदन को लगता है कि हमसे गलती हुई है तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं। सभी निलंबित विधायकों ने निलंबन वापसी के लिए अलग-अलग पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार निलंबित भाजपा विधायक शीत सत्र में अपने निलंबन वापसी का इंतजार करेंगे। यदि सरकार की ओर से निलंबन वापसी की घोषणा नहीं की गई तो निलंबित विधायक विधानसभा भवन के बाहर विरोध दर्ज कराने के लिए हंगामा कर सकते हैं। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरुप अपेक्षा है कि सरकार अथवा विधानमंडल विधायकों का निलंबन वापस लेगा। 

तानाशाही कर रही सरकार 

इस दौरान फडणवीस ने दावा किया कि राज्य सरकार द्वारा भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन और केंद्र सरकार की ओर से राज्यसभा के 12 सदस्यों को निलंबित करने में फर्क है। उन्होंने ने कहा कि राज्यसभा के 12 सदस्यों को केवल एक सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इसे लोकतंत्र कहते हैं जबकि राज्य सरकार ने बिना किसी सबूत के भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया। राज्य सरकार का रवैया लोकतांत्रिक नहीं बल्कि तानाशाही वाला है। 

विपक्ष ने नहीं पी सत्तापक्ष की चाय

विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के पूर्व संध्या पर महाविकास आघाड़ी सरकार की ओर से आयोजित चायपान का विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस सरकार को लोकतंत्र मान्य नहीं है। सरकार लोकतंत्र के बजाय रोक शाही और रोख (नकदी) शाही का उपयोग कर रही है। आघाडी सरकार असंवेदनशील है। सरकार में किसान, ओबीसी, मराठा, धनगर समाज की सुनवाई नहीं है। विधानमंडल शीतकालिन सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि इस सरकार में केवल घपले और घोटाले हैं। सरकार ने विपक्ष के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। सरकार के लिए विदर्भ अस्तित्व में ही नहीं है। दो साल से प्रदेश में सरकार का ही अस्तित्व नजर नहीं आ रहा है। ऐसी सरकार के चायपान के लिए जाने में विपक्ष की रुचि नहीं है। इसलिए विपक्ष ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चाय पार्टी में नहीं जाने का फैसला लिया है। 

इसके पहले मंगलवार को शीत सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दल भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ बैठक की। शीतकालिन अधिवेशन के दौरान विपक्ष ने सरकार को ओबीसी आरक्षण, आपदा प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद न मिलने, किसानों को बीमा की राशि न मिलने, कृषि पंपों के लिए बिजली, कानून –व्यवस्था, कोविड में भ्रष्टाचार, एसटी कर्मचारियों की हड़ताल, अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में हुए दंगे समेत अन्य मुद्दों पर घेरेगा। 

दो साल में नहीं जुटा सके एम्पिरिकल डाटा

पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि सरकार दो सालों में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए एम्पिरिकल डेटा नहीं जुटा पाई है। इसके लिए सदन में सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में किसानों के कृषि पंपों की सुल्तानी पद्धति से बिजली कनेक्शन काट रही है। फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने के फैसले के बाद लगभग 27 प्रदेशों ने वैट कम कर दिया। लेकिन महाराष्ट्र ने पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने के बजाय विदेशी शराब पर 50 प्रतिशत टैक्स कम कर दिया। फडणवीस ने कहा कि ‘वाह रे महाविकास आघाड़ी तेरा खेल, सस्ती दारु, महंगा तेल।’ फडणवीस ने कहा कि राज्य में महिला अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार इस सत्र में शक्ति कानून का विधेयक पेश करने वाली है। यदि यह कानून लागू करने लायक रहेगा तो उस को समर्थन देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों के कुलपति नियुक्ति करने के लिए राज्यपाल तथा कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी का अधिकार कम करने की कोशिश की है। सरकार विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करके विश्वविद्यालयों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। विपक्ष सरकार के विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध करेगा। 

विदर्भ से हो रहा सौतेला व्यवहार 

फडणवीस ने कहा कि सरकार विदर्भ के विकास के लिए निधि नहीं देती है और न ही नागपुर में विधानमंडल का अधिवेशन आयोजित करती है। सरकार ने वैधानिक विकास बोर्ड की अवधि का विस्तार नहीं किया। लेकिन विदर्भ के मंत्री इस पर कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के स्वास्थ्य के चलते शीत सत्र मुंबई में हो रहा है लेकिन मार्च में होने वाला बजट सत्र नागपुर में आयोजित होना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कहीं पर हुआ हो उसको सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई घटना पर वहां के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान को तोड़मोड़कर पेश किया गया। लेकिन बोम्मई ने भी घटना की निंदा की है। फडणवीस ने कहा कि कर्नाटक की घटना पर मुख्यमंत्री समेत महाविकास आघाड़ी के मंत्री और नेता टिप्पणी कर रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल के एक नेता शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर जूता पहनकर चढ़ गए थे। यह शिवाजी महाराज का अपमान नहीं था क्या? 

शिव थाली शिवसेना नेताओं के लिए व्यवस्था 

फडणवीस ने कहा कि प्रदेश सरकार की शिवभोजन थाली योजना शिवसेना के कार्यकर्ताओं और नेताओं को व्यवसाय चलाने के लिए एक व्यवस्था है। शिवभोजन थाली के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। लोगों को भोजन देने की इस योजना को शिवाजी महाराज के नाम पर चलाया जा रहा है। यह शिवाजी महाराज का अपमान नहीं है? प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई महाराष्ट्र के उद्योगों और परियोजनाओं को गुजरात में ले के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि मेरे कार्यकाल में निवेश के मामले में महाराष्ट्र ने गुजरात को चार साल तक पीछे छोड़ रखा था। औद्योगिक निवेश एक प्रतिस्पर्धा है। देसाई रो क्यों रहे हैं? वह राज्य में निवेश को आकर्षित करें। 

परीक्षा रैकेट का पर्दाफाश करेंगे 

फडणवीस ने कहा कि सरकार की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक और भ्रष्टाचार होने के मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। शीत सत्र में परीक्षा रैकेट का पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले के तार मंत्रालय तक जुड़े हैं। इसके चलते पुलिस पर दबाव है। इसलिए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि सरकार के तीन-तीन विभागों की परीक्षा में घोटाला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग, गृह निर्माण विभाग की म्हाडा की परीक्षा और स्कूली शिक्षा विभाग की शिक्षकों की भर्ती की टीईटी परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। घोटाले में लिप्त लोगों के पास 2-2 करोड़ रुपए मिल रहे हैं। अब गृह विभाग की पुलिस भर्ती में भी गड़बड़ी का मामला सामने आ रहा है। फडणवीस ने कहा कि शीत सत्र में विपक्ष का जोर हंगामा करने केr बजाय चर्चा करने पर रहेगा। लेकिन यदि सरकार की ओर से विपक्ष के साथ उचित बर्ताव नहीं किया गया तो सदन के बाहर सड़क पर संघर्ष किया जाएगा।  

Created On :   21 Dec 2021 8:33 PM IST

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