ब्लैक फंगस के मरीजों को मिले उपचार, दवाइयों की न हो दिक्कत - रोकथाम के उपायों पर चिकित्सा विशेषज्ञों से कलेक्टर ने की चर्चा

Black fungus patients get treatment, medicines have no problem - Collector discusses with experts
ब्लैक फंगस के मरीजों को मिले उपचार, दवाइयों की न हो दिक्कत - रोकथाम के उपायों पर चिकित्सा विशेषज्ञों से कलेक्टर ने की चर्चा
ब्लैक फंगस के मरीजों को मिले उपचार, दवाइयों की न हो दिक्कत - रोकथाम के उपायों पर चिकित्सा विशेषज्ञों से कलेक्टर ने की चर्चा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना पीडि़तों को आँखों की बीमारी ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइसिस) से बचाने के उपायों पर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में वरिष्ठ चिकित्सकों एवं नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। उन्होंने बैठक में ब्लैक फंगस की बीमारी को रोकने कारगर रणनीति बनाने पर जोर दिया।  इसके उपचार एवं सर्जरी के लिए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी करने की बात कही तथा जरूरी दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली और कहा कि मरीजों को समय पर उपचार मिले और दवाइयों के लिए परेशानी न हो। कलेक्टर ने बैठक में ब्लैक फंगस की बीमारी को रोकने के लिए क्या-क्या सावधानी बरती जानी चाहिए इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने इस बीमारी के लक्षणों से लेकर बीमारी की पहचान तथा उपचार के तौर तरीकों पर भी चिकित्सा विशेषज्ञों से अपने अनुभव एक दूसरे से साझा करने की बात कही। बैठक में कहा गया कि ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइसिस) के लक्षण दिखाई देते ही पीडि़त मरीज को तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क करने की सलाह दी जाए। इस मौके पर बताया गया कि मेडिकल कॉलेज सहित शहर के तीन-चार प्रतिष्ठित अस्पतालों में म्यूकोरमाइसिस के उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
अलग से बनाया गया है वार्ड - ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड बीमारी है। जबलपुर में इसके उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग वार्ड बनाया गया है। आँखों की इस बीमारी के उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाएँ उपलब्ध हैं।  बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, डॉ. जितेन्द्र जामदार, डॉ. राजेश धीरावाणी, डॉ. शैलेन्द्र राजपूत, नोडल अधिकारी डॉ. संजय छत्तानी, मेडिकल कॉलेज के डॉ. अनिरुद्ध शुक्ला, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. श्रीमति मोहंती, डॉ. कविता सचदेवा, आदि मौजूद थे। 

Created On :   15 May 2021 12:41 PM GMT

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