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ब्लैक फंगस - 200 के करीब पहुँच गई मरीजों की संख्या
मेडिकल में 129 और निजी अस्पतालों में अब तक 64 मरीजों का उपचार आज से परिजनों को नहीं मिलेंगे, सीधे अस्पताल पहुँचेंगे इंजेक्शन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ते हुए 200 के करीब पहुँच रही है। शहर में अब 193 मरीज सामने आ चुके हैं, जो शासकीय एवं निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में बनाई गई म्यूकोर माइकोसिस यूनिट में अब 129 मरीज, वहीं निजी अस्पतालों में अब तक 64 मरीजों का उपचार हुआ है। इनमें कुछ मरीज डिस्चार्ज होकर घर भी पहुँच गए हैं। मेडिकल कॉलेज में कुछ मरीज हैं, जो डे केयर के आधार पर इलाज ले रहे हैं, यानी ये मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं, केवल इंजेक्शन एवं दवाओं के लिए अस्पताल आ रहे हैं। यहाँ बनाए गए विशेष वार्ड में रोजाना 4 से 5 ऑपरेशन किए जा रहे हैं। कुछ केसेस में मष्तिष्क में ब्लैक फंंगस पहुँचने के बाद ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई गई है। ब्लैक फंगस से अब तक 8 मरीजों ने जान गँवाई है।
मरीज के परिजनों को नहीं मिलेंगे इंजेक्शन
ब्लैक फंगस के इलाज में जरूरी इंजेक्शन की किल्लत के बाद प्रशासन द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से मरीज के परिजनों को इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे थे। शुरुआती दिनों में अत्यधिक डिमांड के चलते परिजनों को उतने इंजेक्शन्स नहीं मिल पा रहे थे, जितनी जरूरत थी। डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर कम होने के बाद, अब प्रशासन ने इंजेक्शन डिस्ट्रीब्यूशन का नियम बदल दिया है। अब रेमडेसिविर की तरह ही, ब्लैक फंगस के इंजेक्शन सीधे अस्पताल में पहुँचाए जाएँगे।
सोमवार को दिए 42 इंजेक्शन
एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया ने बताया कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन की डिमांड पर सीधे इंजेक्शन भेजने की व्यवस्था आज से ही की जा रही है। पिछले कुछ दिनों से डिमांड के मुताबिक इंजेक्शन्स उपलब्ध हो रहे हैं। आने वाले 2-3 दिनों में िहमाचल प्रदेश की एक कंपनी से भी इंजेक्शन की बड़ी खेप मिलने की संभावना है। लगभग 15 सौ इंजेक्शन आ सकते हैं। सोमवार को 42 इंजेक्शन्स निजी अस्पतालों को दिए गए।
मेडिकल में अब तक 65 सर्जरी
मेडिकल कॉलेज में वार्ड प्रभारी एवं ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा ने बताया कि अब तक 65 सर्जरी की जा चुकीं हैं। वहीं 28 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। इन्हीं में से 6 स्थानीय मरीज हैं, जिन्हें ऑपेरशन के बाद डिस्चार्ज किया है, वे डे केयर के रूप में इंजेक्शन लगवाने हॉस्पिटल आ रहे हैं। दूरदराज से आए मरीजों को डिस्चार्ज नहीं किया गया है।
इस बात का भी रखें ध्यान
विशेषज्ञों का कहना है कि होम आइसोलेशन के दौरान भी कोरोना मरीजों को शुगर नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। कुछ ऐसे मरीज भी ब्लैक फंगस की चपेट में आए जो होम आइसोलेशन में कोरोना का इलाज करवा रहे थे, परंतु स्टेरॉयड के उपयोग के कारण शुगर बढऩे से ब्लैक फंगस ने घेर लिया। स्टेरॉयड के उपयोग से शुगर की मात्रा बढऩे व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ा है।
Created On :   1 Jun 2021 5:12 PM IST