आर्मी व रेल अधिकारियों से फर्जी पत्रकार ने की थी लाखों की ब्लैकमेलिंग

Bogus journalist frauds millions of rupees from Army and Rail officers
आर्मी व रेल अधिकारियों से फर्जी पत्रकार ने की थी लाखों की ब्लैकमेलिंग
आर्मी व रेल अधिकारियों से फर्जी पत्रकार ने की थी लाखों की ब्लैकमेलिंग

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। घमापुर में आइसक्रीम पार्लर के संचालक को जाल में फँसाकर उसे ब्लैकमेल किये जाने के मामले में पकड़े गए ओमप्रकाश ने पूछताछ में यह बात कबूल की है कि उसने एक आर्मी आफीसर से 5 लाख और रेल अधिकारी से 10 लाख रुपए वसूले हैं। उक्त अधिकारियों को भी ज्योति के जरिये ही फंसाया गया था और फिर उन्हें पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर ब्लैकमेल किया गया था। इसके अलावा भी कई और लोग जिनमें कई व्यापारी भी शामिल हैं, उन्हें भी ब्लैकमेल किया गया था। इन सभी लोगों का पुलिस विवरण प्राप्त कर रही है, ताकि इस मामले की तह तक पहुंचा जा सके।

पुलिस सूत्रों के अनुसार ब्लैकमेलिंग गैंग की सूत्रधार ज्योति पाल अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आई है। वह जबलपुर से बाहर भाग गई है और उसकी तलाश के लिए टीम भेजी गई है। इस मामले को आईजी विवेक शर्मा खुद ही अपने हाथ में लेकर जांच करा रहे हैं, ताकि मामले का हर पहलू उजागर हो सके।

ब्लैकमेलर गैंग के ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन के भी कई और कारनामे सामने आ रहे हैं। वह बाबा बनकर भी लोगों के साथ ठगी करता था। वह झामनदास क्षेत्र से पार्षद का निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुका है। वह पुलिस के लिए मुखबिरी भी करता था और इसी के चलते वह कई पुलिस कर्मियों के नजदीक आ गया था।

चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
गोहलपुर थाना क्षेत्र के त्रिमूर्ति नगर में स्थित लाखों रुपए की कीमत वाले एक प्लॉट पर धोखेबाजों ने फर्जी रजिस्ट्री कराकर हड़प लिया। इस बात की जानकारी जब असली प्लॉट मालिक अनिल कुमार सिंह को पता चली तो उसने गोहलपुर थाने में चार सौ बीसी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों रवि सिंह राजपूत, रामगोपाल, प्रदीप ठाकुर एवं एक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इस मामले में अनिल कुमार ने पुलिस को जानकारी दी है कि आज की तारीख में 30 लाख रुपए की कीमत वाले 2648 वर्गफीट के प्लॉट को उसने ललित मोहन रायजादा से खरीदा था। बाद में पता चला कि रवि सिंह एवं रामगोपाल आदि ने राय गोपालजादा की जगह उसकी शक्ल से मिलते-जुलते व्यक्ति को खड़ा कर प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री करा ली। इस बात की जानकारी उन्होंने किसी को नहीं लगने दी। इस बात की जानकारी मिलने पर जब अनिल ने ललित मोहन रायजादा से जानकारी ली तो पता चला कि उसने किसी और को कोई रजिस्ट्री नहीं की है। उसने जब इस मामले में धोखाधड़ी की आशंका जताई तो अनिल कुमार ने साक्ष्य बटोरे तो पता चला कि रवि सिंह के नाम पर प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री कराई गई है। इस धोखाधड़ी में जिला बदर का आरोपी रामगोपाल भी शामिल है।

 

Created On :   20 Jan 2019 6:16 PM IST

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