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लोकायुक्त के जाल में फंसा रिश्वतखोर बाबू
डिजिटल डेस्क, पन्ना। सरकारी सिस्टम में सरकार द्वारा जीरो टालरेंस का भले ही दावा किया जा रहा हो परंतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के रूप में अवैध कमाई का नशा इस कदर समाया हुआ है कि लोगों के लिए रिश्वत दिए बगैर काम करना टेढी खीर अभी भी बना हुआ है। जिले में राजस्व कार्यालयों के कामकाज में रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं। गरीबी रेखा में नाम शामिल कराने के लिए गरीबों से रिश्वत के रूप में मनमानी रकम लिए जाने की चर्चायें बीते कई सालों से लगातार सामने आती रहीं हैं। बीपीएल गरीबी रेखा सूची में नाम जुडवाने के लिए रिश्वतखोरी के मामले की पुष्टि आज उस समय हुई जब सागर से आई लोकायुक्त पुलिस द्वारा जिले के दूरस्थ क्षेत्र कल्दा स्थित नायब तहसीलदार के कार्यालय में ०६ हजार रूपए की रिश्वत ले रहे लिपिक सहायक ग्रेड-२ को रंगे हांथों गिरफ्तार किया गया।
सागर लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही के संबध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार पवई तहसील के सुनवारी ग्राम निवासी रामअवतार रजक पिता विश्राम रजक उम्र ४७ वर्ष अपना गरीबी रेखा का कार्ड बनवाये जाने के लिए आवेदन दिया गया था परंतु उसका गरीबी रेखा का कार्ड बन नहीं पा रहा था। गरीबी रेखा के कार्ड के लिए उसके द्वारा जब उसका सम्पर्क आरोपी लिपिक अवधेश कुमार पाण्डेय पिता रामअवतार पाण्डेय सहायक ग्रेड-२ तहसील पवई से हुआ तब आरोपी द्वारा बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए उससे आठ हजार रूपए रिश्वत की मांग की जाने लगी। परेशान होकर फरियादी रामअवतार रजक द्वारा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर के यहां इस संबध में शिकायत की गई। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच कार्यवाही के लिए टीम गठित की गई। टीम द्वारा फरियादी और आरोपी के साथ रिश्वत के लेनदेन से संबधित बातचीत की पुष्टि हुई। जिसमें आरोपी द्वारा काम पूरा करवाने के लिए आठ हजार रूपए मांगे जाने और दो हजार रूपए ले लिए जाने की जानकारी सामने आई। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा शिकायत का सत्यापन होने पर कार्यवाही के लिए उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश खेडे के नेतृत्व में कार्यवाही के लिए एक टीम गठित की गई।
टीम द्वारा शिकायतकर्ता के साथ मिलकर आरोपी को पकडे जाने के संबध में योजना तैयार की गई और योजना के अनुसार आज उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेडे, निरीक्षक मंजू सिंह तथा लोकायुक्त पुलिस का स्टॉफ सुबह कल्दा पहुंच गए। फरियादी को पूरी योजना समझाकर कैमिकल युक्त नोट दिए गए एवं कल्दा स्थित नायब तहसीलदार कार्यालय जहां पर आरोपी मौजूद था रूपए देने के लिए भेजा गया और ट्रेप कार्यवाही के लिए नायब तहसीलदार कार्यालय के आसपास लोकायुक्त पुलिस की टीम तैनात हो गई। इस दौरान जैसे ही फरियादी द्वारा आरोपी लिपिक को रिश्वत दिए जाने की पुष्टि हुई तत्काल ही लोकयुक्त पुलिस द्वारा घेराबंदी करते हुए आरोपी को पकड लिया गया तथा प्रकरण में सभी आवश्यक कार्यवाहियां पूरी करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी की कार्यवाही की गई।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा जिले में इसके पूर्व भी कई कार्यवाहियां की जा चुकीं हैं। अभी कुछ माह पूर्व ही पवई विकासखण्ड में कार्यरत एक संविदा उपयंत्री को रिश्वत के मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा पकडा गया था। एक ओर जहां लोकायुक्त पुलिस लगातार कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को संदेश दे रही है उसके बावजूद देखा यह जा रहा है कि जिले में जब कार्यवाही होती है उसके बाद कुछ दिन तक भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी-कर्मचारी अलर्ट जरूर हो जाते हैं परंतु कुछ दिन बाद भ्रष्टाचार का खेल बिना भय और दहशत के उसी रूप में चलने लगता है।
Created On :   23 April 2022 5:20 PM IST