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युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियां व अगले 25 साल की बुनियाद रखने का दावा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट पेश करते हुए अनेक घोषणाएं की। उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं की। इस बार फिर से आयकर में कोई छूट नहीं दी गई। बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियों के अवसर तैयार करने का वादा किया। बजट से अगले 25 साल की बुनियाद रखने का दावा किया गया। इस बजट को लेकर नागपुर में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने मिली। सत्तापक्ष ने बजट को सराहा, तो विपक्ष ने बजट को गुमराह करने वाला बताया।
न्यू इंडिया का बजट
60 लाख नौकरियां, महिला शक्ति के लिए 3 नई योजनाएं, 80 लाख नये मकान, दिव्यांग के माता-पिता को टैक्स में छूट, स्वच्छ जल के लिए 60 हजार करोड़, किसानों के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं, आधुनिक खेती और डिजिटल करेंसी की घोषणा से नवभारत का सृजन होगा। कुल मिलाकर यह बजट न्यू इंडिया का आगाज करने वाला और महिला तथा युवाओं को समर्पित है।
- कृष्णा खोपड़े, विधायक
वास्तववादी बजट है
पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत भांडवली खर्च बढ़ाने का ध्येय निश्चित करने से बड़े पैमाने पर विकास होगा। मेक इन इंडिया में 60 लाख और आत्मनिर्भर अंतर्गत 16 लाख नए रोजगार की निर्मिती होगी। पीएम आवास योजना अंतर्गत 80 लाख नए घर बनाने की योजना है। भारत का यह वास्तववादी बजट है।
- प्रवीण दटके, शहर भाजपा अध्यक्ष व विधायक
विकासशील भारत की ओर कदम
प्रत्येक घर को नल से जल योजना, देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना, 60 लाख नौकरियां, रोजगार, जीएसटी दरों में कमी, प्रधानमंत्री से आवास योजना के लिए 48 लाख करोड़, पोस्ट आफिस में कोर बैंकिंग सिस्टम, 5जी की शुरुआत, किसानों के लिए 1 लाख करोड़ जैसी अनेक योजनाएं देश को समर्पितं करते हुए देश को एक कदम आगे ले जाएंगे।
- चंदन गोस्वामी, प्रदेश प्रवक्ता पैनलिस्ट, भाजपा
मेक इन इंडिया को बूस्टर
केंद्रीय बजट 22-23 स्पष्ट रूप से मुद्रा के डिजिटलीकरण, कौशल और आजीविका और इसी तरह की अन्य घोषणाओं जैसे ई-विद्या, डिजिटल विश्वविद्यालय, ई-पासपोर्ट, आदि पर जोर देने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के जोर को दर्शाता है। घरेलू उद्योग से 68% रक्षा आवश्यकता की खरीद और अन्य क्षेत्रों के लिए भी सीमा शुल्क दर में उपयुक्त परिवर्तन करके मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आश्वासन के साथ बूस्टर खुराक दी गई है।
- वरुण विजयवर्गीय, सीए व महासचिव वेद काउंसिल
दूरदृष्टि वाले संकेत
स्वाधीनता के 75वें वर्ष में आगामी 25 वर्षों के विकास का प्रारूप पेश किया गया। यह एक दूरदृष्टि वाला संकेत है। विकास दर का लक्ष्य 9.2 प्रतिशत के साथ 39.54 का पूंजीकरण खर्च अनुमानित किया है। यह आगामी 3 वर्ष में असेट बनकर देश की आमदनी बढ़ाएगा।
- गिरीश व्यास, पूर्व विधायक
विश्वासघात किया
बजट में कोई राहत उपायों की घोषणा नहीं करके देश के वेतनभोगी और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात किया गया है। उम्मीद थी कि व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में बदलाव होगा। बजट 2022 प्रो-कार्पोरेट और समर्थक बजट है।
- डॉ. अनीस अहमद, पूर्व मंत्री
विकास वाला बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के आधुनिक भारत के सपनों को पूरा करने वाला और समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय देने वाला बजट केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। देश के दलित, पीड़ित, पिछड़ों का विचार कर खेती, उद्योग, शिक्षण, रोजगार, तकनीक, संशोधन, स्टार्टअप सभी क्षेत्रों का विकास करने वाला बजट है।
- संदीप जोशी, पूर्व महापौर
अर्थव्यवस्था तबाह हो गई
मोदी सरकार की अर्थनीति नहीं अनर्थनीति है। इससे देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है। जनता के लिए यह बजट हानिकारक है। वित्त मंत्री ने बजट में वेतनभोगी और मध्यम वर्ग को पूरी तरह निराश किया है।
- अतुल कोटेचा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस व्यापारी आघाड़ी सेल
बुनियादी ढांचे का विकास
केंद्र सरकार ने बहुत ही प्रगतिशील बजट दिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री का धन्यवाद। यह स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है कि बुनियादी ढांचे का विकास, आयात पर अंकुश लगाना, नदी को जोड़ना, एमएसपी से अधिक पर कृषि वस्तुओं की अधिकतम खरीद गरीबों के लिए आवास देश का विकास है।
- अजय संचेती, पूर्व संसद सदस्य (राज्यसभा)
गुमराह करने वाला बजट
केंद्रीय बजट पूरी तरह गुमराह करने वाला है। विशुद्ध आंकड़ों की बाजीगरी है। पिछले बजट में 100 स्मार्ट सिटी की घोषणा की थी। उसमें से एक भी सिटी नहीं बनी। बेरोजगारी बढ़ाने वाला, युवा व महिलाओं को निराश करने वाला बजट है।
-एड. अभिजीत वंजारी, विधायक
Created On :   2 Feb 2022 7:07 PM IST