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पुराने संस्कारों को जलाकर श्रेष्ठ संग का रंग लगायें: ब्रह्माकुमारी बहिनजी
डिजिटल डेस्क, पन्ना। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के अंतर्गत होली के पावन पर्व पर रंगपंचमी के दिन स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें बी.के. सीता बहिनजी ने सभी को होली की शुभकामनायें देते हुये एवं उसके आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुये कहा कि, होली मनाना अर्थात् जो बात बीत गयी उसे भूल जायें और अपने जीवन में खुशियों के रंग भरें। आपने आगे कहा कि, होली के पहले होलिका दहन किया जाता है इसका भी एक आध्यात्मिक रहस्य है कि, हम पहले अपनी बुराईयों, व्यसनों, अवगुणों रूपी कचरे को जलाकर, होली मनाएं अर्थात् श्रेष्ठ गुणों, आचरणों, विचारों और परमात्म प्रेम के रंग में स्वयं को रंगे। आज हम सभी संकल्प लें कि, हम आज से छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर उन्हें भूलकर अपने अनमोल जीवन को खुशी, शान्ति, प्रेम और आनंद के रंगों से भरेंगे और कभी भी उदास, निराश और हताश नहीं होंगे। सभी को मेडीटेशन कमेन्ट्री के द्वारा मेडीटेशन (ध्यान) कराया गया। सभी ने राजयोग मेडीटेशन सीखने एवं प्रतिदिन उसका अभ्यास करने का संकल्प लिया। सभी ने एक दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर होली की शुभकामनायें दीं। कार्यक्रम में श्रीमती शशि सिंह परमार जिलाध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा, श्रीमती निशा जैन एवं अन्य भाई-बहनें उपस्थित रहे।
Created On :   24 March 2022 2:24 PM IST