मंत्रिमंडल का फैसला : ग्राम सेवक-ग्राम विकास अधिकारी का प्रवास भत्ता बढ़ा, सिंधुदुर्ग में वनस्पति संस्थान के लिए 50 एकड़ भूमि

Cabinet decision: Village servant-Village Development Officers migration allowance increased
मंत्रिमंडल का फैसला : ग्राम सेवक-ग्राम विकास अधिकारी का प्रवास भत्ता बढ़ा, सिंधुदुर्ग में वनस्पति संस्थान के लिए 50 एकड़ भूमि
मंत्रिमंडल का फैसला : ग्राम सेवक-ग्राम विकास अधिकारी का प्रवास भत्ता बढ़ा, सिंधुदुर्ग में वनस्पति संस्थान के लिए 50 एकड़ भूमि

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने जिला परिषद के ग्राम सेवकों और ग्राम विकास अधिकारियों के स्थायी प्रवास भत्ते को बढ़ाकर प्रति महीना 1500 रुपए कर दिया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने प्रवास भत्ता वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी। राज्य में फिलहाल ग्राम सेवकों और ग्राम विकास अधिकारी काडर के अधिकारियों को प्रवास भत्ता नकदी स्वरूप में प्रति महीने 1100 रुपए दिए जा रहे थे।मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार ग्राम पंचायतों के स्तर पर मूलभूत जरूरतों की आपूर्ति के लिए ग्राम सेवकों और ग्राम विकास अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसलिए पंचायत समिति, जिला परिषद, जिलाधिकारी कार्यालय, विभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठकों में ग्राम सेवकों और ग्राम विकास अधिकारियों को मौजूद रहना पड़ता है। इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर पथदीप, जलापूर्ति और स्वास्थ्य सामग्री, विभिन्न योजनाओं की निर्माण सामग्री और टैक्स वसूली भरने के लिए तहसील स्तर पर जाना पड़ता है। महिला बचत समूहों के कर्ज मंजूरी के लिए बैंकों में जाना पड़ता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के लिए घर के निर्माण की सामग्री उपलब्ध कराने के लिए यात्रा करनी पड़ती है। इन सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए प्रवास भत्ते में वृद्धि की गई है।  

इनाम की जमीन पर निर्माण कार्य 

राज्य में इनाम और वतन जमीन पर गैर-कृषि निर्माण कार्य के नियमितीकरण के लिए जनता को रियायत देने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। महाराष्ट्र गुंठेवारी विकास अधिनियम2001 के कानून के अनुसार इनाम व वतन जमीन के विकास को नियमित करते समय शमन शुल्कऔर विकास आकार की राशि के साथ संबंधित जमीन का प्रचलित बाजार मूल्य का 75 प्रतिशत राशि सरकार को भरना पड़ता था। लेकिन बाजार मूल्य का 75 प्रतिशत से बजाय 25 प्रतिशत राशि व नियमितशमन शुल्कवसूल किया जाएगा। इसके लिए नई अविभाज्य शर्तों के अनुसार दी गई इनाम और वतन (महार वतन व देवस्थान जमीन को छोड़कर) जमीन जो अधिभोगी वर्ग-2 की है उस पर गैर-कृषि निर्माण कार्य को गुंठेवारी कानून अनुसार नियमित करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। सरकार ने जनता को सहूलियत देने की दृष्टि से यह फैसला लिया है। इस संबंध में अध्यादेश जल्द ही जारी किया जाएगा।

सिंधुदुर्ग में वनस्पति संस्थान के लिए 50 एकड़ भूमि

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय चिकित्सकीय वनस्पति संस्थान का सिंधुदुर्ग के दोडामार्ग तहसील के अडाली में निर्माण के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय चिकित्सकीय वनस्पति संस्थान के लिए अडाली में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल (एमआईडीसी) की 50 एकड़ जमीन बिना मूल्य आयुष मंत्रालय को हस्तांतरित की जाएगी। राष्ट्रीय चिकित्सकीय वनस्पति संस्थान को एक स्टॉप सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे पहले पिछले 6 अक्टूबर 2020 को रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से शिवसेना सांसद विनायक राऊत ने आरोप लगाया था कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा सिंधुदुर्ग के लिए मंजूर राष्ट्रीयवनस्पति संस्थान को अपने गृह जिले लातूर में ले जाना चाहते हैं। जिसके बाद देशमुख ने सफाई दी थी कि मैंने वनस्पति संस्थान को लातूर ले जाने के लिए कोई फैसला नहीं किया है। 
 

Created On :   19 May 2021 9:08 PM IST

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