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मंत्रीमंडल के फैसले : एमटीडीसी की संपत्तियों का होगा निजीकरण, जीएसटी में संशोधन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल (एमटीडीसी) के कब्जे वाली सरकारी जमीन और संपत्ति का सरकार निजीकरण करेगी। राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। पहले चरण में एमटीडीसी की ताडोबा और फर्दापुर (औरंगाबाद) स्थित खुली जमीन और गणपतीपुले, माथेरान, महाबलेश्वर, हरिहरेश्वर, मिठबाव स्थित एमटीडीसी के रिसॉर्ट का विकास किया जाएगा। संपत्ति किराए पर देने की अवधि को उच्चस्तरीय समिति तय करेगी। जमीन के लिए वसूल की जाने वाला अधिमूल्य व वार्षिक किराया निश्चित किया जाएगा। हर परियोजना के लिए परियोजना सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।
आईटी नीति की अवधि बढ़ाने को मंजूरी
प्रदेश की मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति की अवधि को बढ़ाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सूचना प्रौद्योगिकी नीति की अवधि आगामी 30 जून को खत्म होने वाली थी। राज्य में नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति अस्तित्व में आने तक वर्तमान की सूचना प्रौद्योगिकी नीति व सूचना प्रौद्योगिकी सहायक सेवा नीति-2015 लागू रहेगी। सरकार का कहना है कि कोरोना संकट के कारण नई नीति तैयार करने की प्रक्रिया रूकी हुई है। राज्य में जल्द ही नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति लाई जाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग के माध्यम से संबधित विशेषज्ञ व्यक्तियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की जा रही है।
जीएसटी में संशोधन
महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर अधिनियम में संशोधन कर महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश जारी करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके जरिए 'वस्तु व सेवा कर' में मत्स्य आहार पर 1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2019 के बीच बिक्री कर वसूली में छूट दी गई है। वहीं गैर कृषि औजारों के लिए लगने वाली पुल, पहियों और अन्य भागों पर वस्तु व सेवा कर की दर 1 जुलाई 2017 से 31 दिसंबर 2018 की अवधि में 14 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने को मान्यता दी गई है। करदाताओं की सुलभता के लिए महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर अधिनियम 2017 में तकनीकी संशोधन किया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए संसोधन
महाराष्ट्र राज्य व्यवसाय, व्यापार, आजीविका व नौकरी पर कर अधिनियम, 1975 (संशोधन अध्यादेश को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दृष्टि से कंपनी कानून के अंतर्गत पंजीयन करने के लिए इच्छुक कंपनियों को व्यवसाय कर कानून के तहत अपने आप पंजीयन दाखिला देने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई है। कोई कंपनी जब रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी में पंजीयन की प्रक्रिया करती है तभी संबंधित कंपनी को राज्य में प्रोफेशन टैक्स एनरोलमेंट सर्टिफिकेट अंतर्गत अपने आप पंजीयन मिल सकेगा। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में अध्यादेश जारी किया जाएगा।
सीएमआर के निधि
राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत साल 2019-20 खरीफ विपणन सत्र और साल 2020-21 में रबी विपणन सत्र में धान / सीएमआर (चावल) परिवहन के लिए खर्च उपलब्ध कराने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। धान और चावल के परिवहन खर्च के लिए 381.88 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गौ है। इसमें से केंद्र सरकार से 91.72 करोड़ मिलने की संभावना है। बाकि निधि राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी।
कपास के भुगतान के लिए 1 हजार करोड़
राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास बेचने वाले किसानों के बकाय भुगतान के लिए कपास विपणन महासंघ को 1000 करोड़ रुपए की सरकारी गारंटी देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। कपास पणन महासंघ की ओर से सरकार को अदा किए जाने वाले गारंटी शुल्क को माफ करने को मान्यता दी गई है। सरकार ने इसके पहले कपास विपणन महासंघ को 1800 करोड़ रुपए के कर्ज लेने के लिए मंजूरी दी थी।
गुजरात से बिजली खरीदने करार
गुजरात के औष्णिक बिजली परियोजना कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड से पूरक बिजली खरीदी के लिए करार करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। परियोजना के जरिए पैदा होने वाली 760 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए महावितरण कंपनी ने 22 अप्रैल 2007 को दीर्घ अवधि का करार किया है। बिजली की समतल दर 2 रुपए 26 पैसे प्रति यूनिट है। कोस्टल गुजरात परियोजना के संबंध में उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों पर विचार करते हुए सभी बिजली खरीदीदार संयुक्त रूप से एक समान दर और शर्तों के साथ पूरक बिजली खरीदी करार सहमत होने पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की मान्यता के अधीन रहकर करार किया जाएगा।
फलबाग के लिए रोजगार गारंटी योजना
कोंकण में निसर्ग चक्रवात से प्रभावित किसानों को फलबाग लगाने के लिए राज्य रोजगार गारंटी योजना (रोगायो) के माध्यम से सरकारी अनुदान देने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है। इससे कोंकण अंचल के ठाणे, पालघर, रायगड, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में आम, काजू, नारियल, चिकू, कोकम और सुपारी के बाग का हुए नुकसान का पंचनामा करके मदद दी जाएगी।
Created On :   25 Jun 2020 8:31 PM IST