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सोमवार को मंत्रिमंडल विस्तार, जानिए विधानसभा चुनाव में कितनों की जब्त हुई थी जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की ठाकरे सरकार का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार, 30 दिसंबर को राजभवन की बजाय विधानभवन में होगा। मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना को 15, राकांपा को 16 व कांग्रेस को 12 मंत्रीपद मिलने की संभावना है। तीनों दलों से कुल 36 मंत्रियों के शपथ लेने की उम्मीद है। गुरुवार को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सोमवार की दोपहर विधानभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कांग्रेस को 8 कैबिनेट और दो राज्यमंत्री पद मिलने की उम्मीद है जबकि पार्टी को दो कैबिनेट मंत्री पद पहले से ही मिल चुके हैं। इसी तरह तीन दलों की सरकार में शामिल 54 विधायकों वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस को उपमुख्यमत्री सहित 16 मंत्री पद मिलेंगे। राकांपा से अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं जबकि मुंबई राकांपा अध्यक्ष नवाब मलिक का भी मंत्री बनना तय है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मलाईदार विभाग न मिलने से कांग्रेस पार्टी में अभी भी नाराजगी है। पार्टी को उम्मीद है कि उसको मिले विभागों में बदलाव होगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ऐसे विभाग चाहती जिसका आम लोगों से सीधा संबंध हो। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पशुधन विकास विभाग, टेक्सटाईल जैसे विभाग कांग्रेस को मिले हैं। जबकि इन विभागों को कृषि व उद्योग विभाग में समाहित कर देना चाहिए। इन विभागों का अलग से कोई मतलब नहीं है। सूत्रों के अनुसार विभाग हासिल करने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात की भूमिका से पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज हैं। पार्टी हाईकमान के पास भी इसकी शिकायत की गई है। कांग्रेस कृषि, सहकारिता, उद्योग, गृह निर्माण व ग्रामीण विकास जैसे विभागों में से कम से कम दो विभाग चाहती है। जबकि गृह, वित्त व नगरविकास जैसे विभाग के राज्यमंत्री का पद भी पार्टी की डिमांड लिस्ट में शामिल है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी उद्धव ठाकरे सरकार की मंत्रिमंडल में दिखाई दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार उन्हें उर्जामंत्री बनाया जा सकता है। जबकि पार्टी के केंद्रीय नेता चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण राज्य में मंत्री बनने की बजाय फिर से केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हो।
विधानसभा चुनाव में जब्त हुई थी 2608 उम्मीदवारों की जमानत
साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुल 2608 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं। राज्य में अक्टूबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 3237 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। चुनाव में 80.56 प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए। वहीं साल 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में 4119 उम्मीदवारों में से 3422 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। गुरुवार को राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 3001 पुरुष उम्मीदवारों में से 2418 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। जबकि 235 महिला उम्मीदवारों में से 189 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सकीं। वहीं चुनावी मैदान में उतरे केवल एक किन्नर उम्मीदवार की भी जमानत जब्त हो गई। राज्य विधानसभा की नांदेड़ दक्षिण सीट पर सबसे अधिक 38 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। जिसमें 35 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। जबकि औरंगाबाद पूर्व सीट पर 34 उम्मीदवारों में से 32 उम्मीदवारों, जालना सीट पर 32 उम्मीदवारों में से 30 उम्मीदवार, बीड़ सीट पर 34 उम्मीदवारों में से 32 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके। चुनाव में हर विधानसभा सीट पर कुल डाले गए वोटों में से 6 प्रतिशत से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाती है। विधानसभा चुनाव में सामान्य सीटों पर पर्चा दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में 10 हजार और आरक्षित सीटों पर उम्मीदवारों को 5 हजार रुपए जमानत राशि जमा करवानी पड़ती है। उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने पर जमा कई गई राशि नहीं लौटाई जाती।
जमानत जब्त कराने वाले उम्मीदवार
राज्य विधानसभा की अमरावती सीट पर 18 उम्मीदवारों, धामणगांव रेलवे सीट पर 18, बडनेरा सीट पर 16 , आकोट सीट पर 15, कारंजा सीट पर 12, देवली सीट पर 11, नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट पर 18, नागपुर-दक्षिण सीट पर 15, नागपुर मध्य सीट पर 11, भंडारा सीट पर 12, साकोली सीट पर 13, गोंदिया सीट पर 16, गडचिरोली सीट पर 14, वणी सीट पर 17, रालेगांव सीट पर 11, किनवट सीट पर 13, भोकर सीट पर 12, हिंगोली सीट पर 12, जितूंर सीट पर 11, परभणी सीट पर 14, गंगाखेड सीट पर 12, औरंगाबाद मध्य सीट पर 12, नाशिक पश्चिम सीट पर 17 व तुलजापुर सीट पर 16 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
Created On :   26 Dec 2019 9:36 PM IST