18 माह में बनना है केबल स्टे ब्रिज, 4 माह में नहीं हो पाई स्वाइल टेस्टिंग 

Cable stay bridge to be built in 18 months, soil testing could not be done in 4 months
18 माह में बनना है केबल स्टे ब्रिज, 4 माह में नहीं हो पाई स्वाइल टेस्टिंग 
18 माह में बनना है केबल स्टे ब्रिज, 4 माह में नहीं हो पाई स्वाइल टेस्टिंग 

विडंबना -  लम्हेटा में 4 साल की प्रक्रिया के बाद काम प्रारंभ हुआ तो अब इसे नहीं मिल पा रही गति, हर ब्रिज के निर्माण में इसी तरह के हालात
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर के आसपास जितने भी ब्रिज और केबल स्टे ब्रिज का निर्माण होना है उनमें कागजों पर तो काम आरंभ हो जाता है लेकिन इनके कार्य की गति बताती है कि इनसे जनता को सीधे तौर पर जल्द लाभ मिल पाना कठिन है। नर्मदा के इस पार से उस पार लम्हेटा से लम्हेटी केबल स्टे ब्रिज को ही ले लीजिए। इस ब्रिज को 18 माह में बनकर तैयार हो जाना चाहिए यह ठेके की शर्त है, लेकिन 4 माह में इसके कार्य के दौरान स्वाइल टेस्टिंग भी पूरी नहीं हो सकी है। यह स्वाइल टेस्टिंग कितने दिनों में पूरी होगी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। कार्य अभी चल रहा है लेकिन गति किसी तरह की मौके पर दिखाई नहीं देती। इस तरह के हालात पर लोक निर्माण सेतु के अधिकारी कहते हैं कि इस कार्य में ज्यादा समय नहीं लगेगा। जहाँ जरूरी है वहाँ पर बोरिंग का काम किया जा रहा है। इस केबल स्टे ब्रिज को 3 साल पहले बनकर तैयार हो जाना था। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने  टेण्डर निकाला लेकिन कई सालों तक प्रक्रिया ही चलती रही, जिसमें सालों गुजर गाए। पहली प्रोसेस में टेण्डर फाइनल होता है तो 3 साल पहले बन जाता है लेकिन 6 माह पहले चार प्रोसेस के बाद इसका टेण्डर फाइनल हुआ और काम चालू हुआ पर इसमें भी किसी तरह की गति मौके पर दिखाई नहीं दे रही है। शहर के अंदर मदन महल स्टेशन के ऊपर भी एक केबल स्टे ब्रिज बनना है वह भी कागजों से बाहर नहीं आ पा रहा है। 
नर्मदा के दो हिस्सों को जोड़ेगा 
लम्हेटा से लम्हेटी केबल स्टे ब्रिज नर्मदा के दो हिस्सों को जोड़ेगा। जिससे लम्हेटा से नर्मदा के उस पार लम्हेटी और वहाँ से फिर न्यू  भेड़ाघाट जाना आसान हो जाएगा। अभी इस हिस्से से उस हिस्से तक जाने में नाव का सहारा लिया जाता है। इसके अलावा एक विकल्प सड़क मार्ग भी है जो तिलवारा नानाखेड़ा से न्यू  भेड़ाघाट तक जाता है। केबल स्टे ब्रिज सड़क मार्ग पर दूसरा विकल्प बनेगा और कहा जा रहा है कि पर्यटन के लिहाज से भी यह उपयोगी साबित हो सकता है।                      
इनका कहना है
निर्माण कार्य में लॉकडाउन की वजह से गति नहीं थी। अब काम में कुछ गति आ रही है उससे कहा जा सकता है कि निर्माण को समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा। कोरोना की वजह से श्रमिक नहीं मिले, अन्य समस्याएँ भी थीं जिससे कार्य की गति पर असर पड़ा। 
-नरेन्द्र शर्मा, ईई लोक निर्माण सेतु
 

Created On :   18 Jun 2021 3:45 PM IST

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