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बजट के लिये नहीं बदलेगा कैलेण्डर वर्ष : नीति आयोग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। केंद्रीय नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेशचन्द्र ने कहा कि आम बजट के लिए 1 मार्च से 31 अप्रैल तक वाला कैलेण्डर वर्ष नहीं बदलेगा। आयोग ने सालाना बजट जनवरी माह में पेश करने के लिए कहा है, जिससे यह जल्दी पारित हो और विकास कार्यों के लिए समय से धनराशि उपलब्ध हो जाए। केंद्र सरकार के मामले में यह सिफारिश की गई है लेकिन राज्य सरकार अपने हिसाब से अपना सालाना बजट पेश करने के बारे में निर्णय ले सकती हैं।
उक्त बात सोमवार शाम राज्य सरकार केसीएम एवं विभिन्न विभागों के आला अफसरों के साथ दिनभर बैठकें करने के बाद केंद्रीय नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चन्द्र ने मीडिया से कही। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कैलेण्डर वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तो एमपी की प्रोग्रेस अच्छी है परन्तु गैर कृषि क्षेत्र में यह प्रोग्रेस मात्र 6.7 प्रतिशत है जोकि अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है।
रमेश चन्द्र ने कहा कि प्रदेश में पेयजल की उपलब्धता भी अन्य राज्यों के मुकाबले अच्छी नहीं है। प्रदेश में सिर्फ 39 प्रतिशत लोगों को ही पाईप लाईन के जरिए पेयजल मिल रहा है जबकि 61 प्रतिशत लोगा बिना पाईप लाईन के पेयजल प्राप्त कर रहे हैं। उप्र में 16, बिहार में 11 तथा छत्तीसगढ़ में 53 प्रतिशत लोगों को पाईप लाईन के जरिए पेयजल मिलता है जबकि देश में गुजरात ऐसा एकमात्र राज्य है जहां 95 प्रतिशत लोगों को पाईप लाईन के जरिए पेयजल उपलब्ध है।
एमपी में कृषि उत्पादन अधिक होने के बावजूद मंदसौर का किसान आंदोलन होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर रमशचन्द्र ने कहा कि ज्यादा उत्पादन होने से कीमतों के कम होने की समस्या रहती है। गेंहू की समर्थन मूल्य पर बोनस के साथ खरीदी से बाहरी राज्यों के व्यापारियों ने यहां आकर अपना गेंहू बेच दिया। वैसे भी प्रदेश में कृषि विकास के साथ किसानों में अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं तथा यह बढना भी चाहिए। पिछले दस साल में निरन्तर विकास के कारण एमपी की प्रति व्यक्ति आय में 65 प्रतिशत की वृध्दि हुई है।
Created On :   18 Sept 2017 8:32 PM IST