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क्षमता 22 हजार की मगर बिजली उत्पादन हो रहा साढ़े 9 हजार मेगावॉट
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश में बिजली संकट गहराने के आसार बन रहे हैं। पॉवर प्लांट से बिजली उत्पादन प्रभावित होने से दो दिन जहाँ प्रदेश के अनेक जिलों में विद्युत कटौती की गई। इसके बाद रविवार से कुछ स्थानों में कटौती स्थगित कर दी गई है मगर कटौती का सिलसिला जबलपुर के आसपास के जिलों में फिलहाल जारी है जिससे इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि जल्द ही विद्युत कटौती का साया जबलपुर में भी मँडराने लगेगा। जानकार भी इस बात का दावा कर रहे हैं कि प्रदेश भीषण बिजली संकट की ओर बढ़ रहा है। इस दावे की वजह यह बताई जा रही है कि वर्तमान में जहाँ प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता करीब 22 हजार मेगावॉट है वहीं सभी स्त्रोतों से मात्र 9 हजार 5 सौ मेगावॉट तक बिजली उत्पादन हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों के बुरे हाल-
सूत्रों की मानें तो पिछले दो दिनों में जहाँ तीन से पाँच घंटे की बिजली कटौती की गई थी वहीं अब वह इसे आधा घंटे में तब्दील किया गया है, ताकि किसी तरह की विवाद की स्थिति निर्मित न हो सके। पिछले दिनों पाटन और सिहोरा के आधे से ज्यादा क्षेत्र विद्युत कटौती के दायरे में आने से ग्रामीणों ने आक्रोश तक व्यक्त किया है जिसके चलते अब धीरे-धीरे कटौती का समय बढ़ाने की रणनीति तैयार की जा रही है। वहीं उत्पादन कम होने से ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में करीब 12 सौ मेगावॉट तक की बिजली कटौती की जा रही है।
कटौती का दायरा भी बढ़ेगा-
बताया जाता है कि फिलहाल बिजली कटौती ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कटौती का जो शेड्यूल तय किया गया था वह भी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए था मगर आने वाले समय में यह दायरा बढ़कर जिला व तहसील मुख्यालय तक भी पहुँचेगा।
इनका कहना है-
कोयला की कमी के चलते उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बिजली संकट के आसार तेज हो गए हैं। कोयला कंपनियों की बकाया राशि का भुगतान कर स्थिति सुधारी जा सकती है।
-राजेंद्र अग्रवाल, रिटा. अतिरिक्त चीफ इंजीनियर
Created On :   30 Aug 2021 10:57 PM IST