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वेंडरों ने लगाई दुकान, ढांचे पर भी कर लिया अतिक्रमण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। तहसील कार्यालय के समीप आय सहित कई अन्य श्रेणी के प्रमाणपत्रों को पाने के लिए रोजाना नागरिक आते हैं। इन नागरिकों को दस्तावेजों को तैयार कराने में वेंडर सहायता करते हैं। फुटपाथ पर वेंडरों ने कुर्सी और टेबल लगाकर अपनी दुकानें बना ली जाती हैं। इन दुकानों को हटाने के लिए अतिक्रमण विभाग अकसर कार्रवाई भी करता है, लेकिन मनपा की सरकारी जमीन पर लाखों की लागत से एक ढांचे को अतिक्रमण विभाग हाथ तक नहीं लगाता है। इस ढांचे की खासियत यह है कि लाखों की कूलिंग और फिल्टर मशीन के बीच कई तरह के दस्तावेजों के आवेदन प्रारूप (एप्लीकेशन फार्मेट) पड़े हुए हैं। अतिक्रमण विभाग सहित आम नागरिक भी शुद्ध और ठंडे पानी की मशीन को देखकर अनदेखी कर देते हैं, लेकिन मनपा के जलप्रदाय विभाग की लापरवाही से अब परिसर का एक वेंडर पानी की मशीन के ढांचे को अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हैरानी यह है कि इस बारे में मनपा को अब तक जानकारी भी नहीं है।
चार साल पहले राज्य सरकार ने औद्योगिक समूहों के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं को तैयार करने का फैसला किया था। इसके तहत औद्योगिक समूहों के व्यावसायिक उत्तरदायित्व अभियान (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड से जलापूर्ति, स्वच्छता और शौचालयों को तैयार किया जाना था। इसके लिए नागपुर मनपा को 6 स्थानों पर शुद्ध पेयजल आपूर्ति केन्द्र मुहैया कराए गए थे। इनमें गांधीबाग के पन्नालाल देवड़िया स्कूल, गणपति मंदिर महाल, शहीद चौक गांधीबाग, सद्भावना नगर नंदनवन, दर्शन कालोनी नेहरूनगर और जिलाधिकारी कार्यालय का समावेश था। हालांकि बड़ी आबादी की सुविधा के लिहाज से सद्भावना नगर नंदनवन में सामुदायिक वॉटर वेंडिंग मशीन को प्रस्तावित किया गया, जिसमें 20 लीटर तक शुद्ध पानी प्रत्येक परिवार को मिलना है। शहर के अन्य पांच स्थानों पर मशीनों को लगाने के बाद भी कोई संजीदगी नहीं दिखाई गई है। ऐसे में लाखों की लागत से अब कोई भी लाभ नहीं हो पा रहा है। सभी स्थानों पर मशीन अब केवल शोभा की वस्तु बन कर रह गई है।
शहर में वॉटर वेंडिग मशीनों को लगाने की जिम्मेदारी औद्योगिक समूह की थी, लेकिन मनपा को संचालन पर निगरानी रखनी थी। हालांकि जलप्रदाय विभाग ने दायित्व का निर्वाह नहीं किया। ऐसे में कंपनी के मशीनाें के बंद होने के बाद ढांचे को हटाकर जमीन को वापस में कब्जे में लेने की पहल नहीं हुई। इस लापरवाही के चलते अब वेंडरों ने मशीन के ढांचे सहित जमीन पर अपनी दुकान जमा ली है। इतना ही नहीं, वेंडर के पास ढांचे के ताले की चाबी तक मौजूद है। इसके भीतर सभी तरह से प्रमाणपत्रों के आवेदन प्रारूप सहित अन्य सामग्री रखी हुई है।
शहर में कंपनी की ओर से पांच स्थानों पर भी वॉटर वेडिंग मशीन को लगाया जाना है, लेकिन जलप्रदाय विभाग और लोककर्म विभाग की आपसी रस्साकशी में लग नहीं पा रही है। जलप्रदाय विभाग की ओर से गणेशपेठ समेत अन्य स्थानों को बिजली कनेक्शन देने के लिए लोककर्म विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। कंपनी के कर्मचारी लोककर्म विभाग में पहुंचने पर अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया जाता है। लोककर्म विभाग का तर्क है कि पहले से पांच स्थानों पर मशीनों को लगाने के लिए जलप्रदाय विभाग ने अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया है। लोककर्म विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिलने से जलप्रदाय विभाग मशीनों के लिए बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा है। ऐसे में अब एनओसी को जारी करने का कोई भी औचित्य नहीं है। दोनों विभागों की रस्साकसी में शहर में अन्य स्थानों पर मशीन खुले में खराब हो रही है। इतना ही नहीं, असामाजिक तत्व मशीनों के ढांचे का शराबखोरी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
Created On :   9 Nov 2021 2:59 PM IST