यूनिवर्सिटी से गलत प्रोविजनल डिग्रियां, संकट में इंजीनियरिंग के कई विद्यार्थियों का भविष्य

Career at stake - wrong provisional degrees from university, future of many engineering students in trouble
यूनिवर्सिटी से गलत प्रोविजनल डिग्रियां, संकट में इंजीनियरिंग के कई विद्यार्थियों का भविष्य
दांव पर करियर यूनिवर्सिटी से गलत प्रोविजनल डिग्रियां, संकट में इंजीनियरिंग के कई विद्यार्थियों का भविष्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की एक बड़ी भूल से इंजीनियरिंग के कई विद्यार्थियों का भविष्य संकट में आ गया है। जानकारी के अनुसार, इंजीनियरिंग के कई विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की ओर से गलत प्रोविजनल डिग्रियां जारी कर दी गई हैं। इस कारण विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई और नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह सिर्फ इस साल की नहीं, बीते कई वर्षों की कहानी है। इंजीनियरिंग के एक छात्र के अनुसार, उसने लक्ष्मीनारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया। पेपर एंड पल्प टेक्नोलॉजी को उसने स्पेशलाइजेशन का विषय चुना। विद्यार्थी ने अंतिम सत्र की परीक्षा पास कर ली है। अब चूंकि विश्वविद्यालय की अंतिम डिग्री आने में एक से डेढ़ वर्ष का समय लगता है, इसलिए विद्यार्थी ने परीक्षा विभाग में प्रोविजनल डिग्री के लिए आवेदन किया। जब परीक्षा विभाग ने उसे प्रोविजनल डिग्री जारी की, तो उस पर बी.टेक पल्प एंड पेपर टेक्नोलॉजी लिखा गया। छात्र के अनुसार, यह प्रोविजनल डिग्री लेकर जब नौकरी मांगने जाते हैं, तो कंपनी यह सवाल खड़ी करती है कि यह केमिकल इंजीनियरिंग की बी.टेक नहीं, बल्कि पल्प एंड टेक्नोलॉजी की है। हालांकि जब छात्र को अंतिम डिग्री मिली, तो उसमें डिग्री का सही नाम बी.टेक केमिकल टेक्नोलॉजी विद स्पेशलाइजेशन इन पेपर एंड पल्प टेक्नोलॉजी उल्लेखित था। लेकिन प्रोविजनल डिग्री और अंतिम डिग्री जारी होने के बीच एक वर्ष बीत चुका था। इस एक वर्ष में नौकरी के कई सुनहरे अवसरों से उसे हाथ धोना पड़ा। विद्यार्थियों के अनुसार ऐसा वर्ष 2015 के बाद से लगातार हो रहा है। 

विद्यार्थियों को गलत डिग्री जारी कर देने का यह विश्वविद्यालय का पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की पीजी मास कम्युनिकेशन की बैच को भी गलत डिग्रियां जारी की गई थीं। उस वक्त भी भास्कर ने इस विषय को प्रमुखता से उठाया था। तीव्र आलोचना झेलने के बाद विश्वविद्यालय ने गलत डिग्रियां वापस लेकर विद्यार्थियों को सही डिग्रियां जारी की थीं। विवि ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें पता चला था कि  विवि ने कुल 59 विद्यार्थियों को डिग्रियां दीं, इसमें से करीब 30 विद्यार्थियों को गलत नाम की डिग्रियां जारी हुई थीं। 

इस मामले में एलआईटी डायरेक्टर डॉ.राजू मानकर से संपर्क करने पर उन्होंने संस्थान में इस प्रकार की किसी शिकायत प्राप्त होने से इनकार किया, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोविजनल और अंतिम डिग्री दोनों में पाठ्यकम का एक ही नाम होना चाहिए, दो अलग-अलग नाम नहीं हो सकते। लेकिन चूंिक डिग्रियां परीक्षा विभाग जारी करता है, वे इस मामले में इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। 

परीक्षा नियंत्रक ने नहीं दिया जवाब

इस मामले में विवि परीक्षा नियंत्रक डॉ.प्रफुल्ल साबले से संपर्क करने पर उन्होंने दिन भर फोन का कोई जवाब नहीं दिया। इस संबंध में भेजे गए एसएमएस पर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Created On :   9 Nov 2021 12:43 PM IST

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