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सावधान ! कहीं आपकी सेहत से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे बाजार में बिकने वाले यह कुकिंग आइल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाजार में बिकने वाले कुकिंग आइल में आधे से ज्यादा की गुणवत्ता खराब है। अन्न व औषधि विभाग (एफडीए) की जांच में यह खुलासा हुआ है। इसके बाद एफडीए ने राज्यभर में खाद्य तेलों की गुणवत्ता की जांच के लिए मुहिम चलाने का फैसला किया है। दरअसल कुकिंग आइल में मिलावट की शिकायत के बाद एफडीए ने इसी साल 16 जनवरी को मुंबई और आसपास के जिलों में कुकिंग आइल के आठ बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर करीब पांच करोड़ रुपए का कुकिंग आइल जब्त किया था।
इसी तरह सरसों के तेल के 19 नमूनों में से 12 (63.16 फीसदी) की गुणवत्ता खराब थी। तिल के तेल के 5 में सभी 5 नमूने खराब पाए गए। सोयाबीन तेल के भी 11 में सभी 11 की गुणवत्ता खराब थी। एफडीए ने सूर्यमुखी तेल के भी 20 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 12 (60 फीसदी) मिलावटी थे। राइस ब्रान तेल के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है, लेकिन इनके भी सभी 10 में 10 नमूने खराब मिले हैं। पामोलिन तेल के 13 में 4 नमूने खाने लायक नहीं थे। कॉटन सीड तेल के 2 में से 2, कॉर्न तेल और वनस्पति का इकलौता नमूना ठाक ठाक मिला है।
सहायक आयुक्त शशिकांत केकरे की अगुआई में कार्रवाई करते हुए एफडीए ने जब्त कुकिंग आइल के 93 नमूनों को जांच के लिए भेज दिया। अब रिपोर्ट आने के बाद इनमें से 49 नमूने खराब गुणवत्ता के निकले, जबकि 44 नमूने ठीक-ठाक पाए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक खराब नमूने वाले खाद्य तेल निर्माता और संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, जबकि जो नमूने ठीक हैं, उन्हें बेंचने की इजाजत दे दी गई है। एफडीए के एक अधिकारी ने बताया कि जांच के लिए भेजे गए नमूनों में से 11 मूंगफली के तेल के थे, जिनमें से 6 (54.55 फीसदी) मिलावटी पाए गए।
Created On :   1 Feb 2021 9:10 PM IST