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एप के जरिए चल रहे अवैध भोजनालय के खिलाफ कार्रवाई का मामला, नियमावली जरुरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बिना लाइसेंस के चल रहे अवैध भोजनालयो के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि आनलाइन खाना पहुंचानेवाले कारोबारियों के लिए भी नियम होने चाहिए। यह बेहद गंभीर मामला है। इस विषय पर गहराई से विचार करने की जरुरत है। इसलिए इस विषय पर सीधे आदेश नहीं दिया जा सकता। लिहाजा मुंबई महानगरपालिका इस विषय से संबंधित अपनी नीति के बारे में बताए। इस बारे में दी इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने याचिका दायर की है। सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एए सैय्यद व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका में दावा किया गया है कि अवैध रुप से खुले भोजनालय मुख्य रुप से खाना पहुंचाने की सुविधा देनेवाले आनलाइन एप स्विगी व जोमैटे के जरिए चल रहे है। कोरोना काल में जब बड़े पैमाने पर रेस्टोरेंट बंद थे। उस समय पर बड़ी संख्या में अवैध भोजनालय खुले है जो बिना जरुरी लाइसेंस के अपना कारोबार कर रहे है। जबकि एसोसिएशन से जुड़े सदस्य बड़ा निवेश करके व जरुरी नियमों का पालन करते हुए अपना काम कर रहे है।
याचिका में दावा किया गया है कि इस बारे में मुंबई महानगरपालिका के अधिकारिकों को बताया गया है लेकिन व्यापक रुप से कार्रवाई नहीं की जा रही है। याचिका में मांग की गई है कि अवैध रुप से चल रहे भोजनालय से भोजन लेकर खाना पहुंचानेवाले एप कंपनियों के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। जबकि अवैध रुप से चल भोजनालयों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए जाए। क्योंकि यह भोजनालय बहुत छोटी जगहों पर चलते है जहां स्वच्छता का आभाव होता है। याचिका में मांग की गई है कि अवैध रुप से चल रहे भोजनालय को दी जानेवाली एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति को रोका जाए। खंडपीठ ने इस बारे में मुंबई मनपा को अपनी नीति का खुलासा करने को कहा है और याचिका पर सुनवाई चार सप्ताह बाद रखी है।
Created On :   14 March 2022 9:40 PM IST