हाईकोर्ट पहुंचा फीस न भरने पर ऑनलाईन क्लास से 150 छात्रों को निकालने का मामला

Case of expulsion of 150 students from online class for non-payment of fees reached HC
हाईकोर्ट पहुंचा फीस न भरने पर ऑनलाईन क्लास से 150 छात्रों को निकालने का मामला
हाईकोर्ट पहुंचा फीस न भरने पर ऑनलाईन क्लास से 150 छात्रों को निकालने का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फीस के मुद्दे को लेकर डेढ़ सौ विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास से निकाले जाने का मुद्दा बांबे हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस बारे में अभिभावक नितिन दलवी सहित 28 अभिभावकों ने अधिवक्ता अटल बिहारी दुबे के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास में शामिल होने का निर्देश दिया जाए और साल 2020-21 व साल 2021-2022 की स्कूल की ओर से निर्धारित की गई फीस को रद्द कर दिया जाए। अनधिकृत मदो में स्कूल को फीस लेने से रोका जाए। क्योंकि यह कानून के तहत निर्धारित नहीं की गई है। याचिका में पैरेंट टीचर्स कानून के तहत एसोसिएशन (पीटीए) व पीटीए का गठन करने का निर्देश देने का भी निवेदन किया गया है। 

याचिका में इंडियन एज्युकेशन सोसायटी (राजा शिवाजी विद्या संकुल) आईईएस ऐस लेन इग्लिश प्राइमरी स्कूल व आईईएस मार्डन स्कूल को पक्षकार बनाया गया है। याचिका के मुताबिक जिन बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित किया गया है वे केजी से लेकर कक्षा नौ वी तक के विद्यार्थी हैं। मंगलवार को यह याचिका न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अरविंद तिवारी ने कहा कि कोविड के चलते अभिभावक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। स्कूल ने अनधिकृत रुप से फीस के विभिन्न मदों में बढोत्तरी की है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि स्कूल उन सुविधाओं को लेकर शुल्क न ले जिनका विद्यार्थी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि अभिभावक स्कूल की ट्यूशन फीस को लेकर विवाद नहीं कर रहे हैं। उन्हें फीस भुगतान के लिए उपयुक्त किस्त की सुविधा दी जाए। 

वहीं स्कूल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अरविंद कोठारी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने पिछले शैक्षणिक वर्ष की पूरी फीस का भुगतान नहीं किया है। मौजूदा शैक्षणिक वर्ष की फीस भी भरने की शुरुआत याचिकाकर्ताओं ने नहीं की है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता फीस को लेकर दो दिन में एक प्रस्ताव व निवेदन स्कूल को दे। इसके बाद स्कूल फीस के बारे में जवाबी प्रस्ताव देगा। इस तरह से खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 28 जुलाई 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

Created On :   20 July 2021 9:25 PM IST

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