कोतमा एसडीएम के पूर्व रीडर पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

Case of fraud registered on former reader of Kotma SDM
कोतमा एसडीएम के पूर्व रीडर पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज
राष्ट्रीय राजमार्ग में अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का मामला कोतमा एसडीएम के पूर्व रीडर पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज

डिजिटल डेस्क अनूपपुर/कोतमा । राष्ट्रीय राजमार्ग 78 के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा वितरण में हुई गड़बड़ी पर तत्कालीन एसडीएम मिलिंद नागदेवे के रीडर रहे विवेकानंद श्रीवास्तव पर धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। 11 अगस्त की देर शाम कोतमा एसडीएम ऋषि सिंघई के पत्र के आधार पर यह प्रकरण दर्ज हुआ है। विवेकानंद श्रीवास्तव गिरफ्तारी नहीं हुई है।   गौरतलब है कि हाईवे के लिए कोतमा के समीप स्थित ग्राम कल्याणपुर, बुढानपुर, कोतमा, बेलिया छोट, डोला एवं रेउन्दा के 31 किसानों से वर्ष 2017 में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था। आपसी क्रय नीति के तहत वर्ष 2018 में ही एमपीआरडीसी द्वारा अवार्ड भी पारित कर दिया गया था। तत्कालीन एसडीएम और भू अर्जन अधिकारी मिलिंद नागदेवे के खाते में 2 करोड़ 21 लाख रुपए आ गए थे। इसमें से दो कृषकों अजीमुद्दीन एवं अश्वनी त्रिपाठी को भुगतान कर दिया गया। शेष 29 कृषक मुआवजा पाने के लिए भटक रहे हैं। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल का कहना है कि प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उन्हें आरोपी बनाया जाएगा।
भास्कर ने उठाया था मामला
कुछ किसानों ने राजस्व अधिकारियों पर रिश्वत की मांग के आरोप भी लगाए थे। जांच में पता चला कि भू अर्जन से संबंधित दस्तावेज ना तो तहसील कार्यालय के दायरा पंजी में दर्ज हैं और न ही तहसील कार्यालय में इसका कहीं उल्लेख है।  9 अगस्त के अंक में दैनिक भास्कर में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद  विवेकानंद श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध कराया गया है। विवेकानंद श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद इस प्रकरण में खुलासा हो सकता है कि दस्तावेज कहां गए। रिश्वत की मांग के आरोपों की जांच भी किए जाने की मांग की जा रही है।
 

Created On :   13 Aug 2021 8:27 AM GMT

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