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शादी के सीजन में कैश की किल्लत, एक दिन में एटीएम खाली - बैंकों के चक्कर लगा रहे लोग
डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले भर के एटीएम में इस समय कैश का संकट है। शहर के 90 फीसदी एटीएम में पैसे ही नहीं हैं। शादी के सीजन में पैसे नहीं निकलने से लोग परेशान हैं। बताया जा रहा है कि आरबीआई से 500 और 2000 रुपए के नोट बहुत कम संख्या में आ रहे हैं। अधिकतर एटीएम में 100 और 200 रुपए के नोट डाले जा रहे हैं, जो कुछ घंटों में ही खत्म हो जाते हैं।
जिलेभर में 21 बैंकों की 76 शाखाएं संचालित हैं। वहीं विभिन्न बैंकों के 80 एटीएम हैं। इनमें से 70 फीसदी इस समय खाली हैं, यानि उनमें कैश ही नहीं है। एटीएम से पैसे नहीं निकलने से लोग परेशान हैं, क्योंकि शादी का सीजन चल रहा है। कैश के लिए लोगों को बैंकों में जाना पड़ रहा है। जबलपुर निवासी जयकुमार पांडे एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए शहडोल आए हैं। रविवार को उन्हें शादी में गिफ्ट करने के लिए कुछ सामान खरीदना था। उन्होंने पूरे शहर के एटीएम के चक्कर काट लिए लेकिन कैश नहीं मिला। अंतत: उन्हें एक अन्य रिश्तेदार से 10 हजार रुपए उधार लेने पड़े। पिछले तीन दिनों से दर्जनों लोग एटीएम से पैसे नहीं निकलने पर परेशान हैं।
रिजर्व बैंक से कम सप्लाई
बैंक अधिकारियों का कहना है कि रिजर्व बैंक की ओर से कैश की सप्लाई काफी कम है। जिले के कैश चेस्ट में हमेशा डिमांड बनी रहती है। जितनी कैश की जरूरत जिले को है, उतनी भी नहीं मिल पा रही है। पिछले कुछ दिनों से 500 और 2000 के नोट तो बहुत ही कम आ रहे हैं। इस वजह से एटीएम में बड़े नोट नहीं डल पा रहे हैं। बैंक अधिकारियों का यह भी कहना है कि रिजर्व बैंक को इसकी जानकारी है। उनके सॉफ्टवेयर में एक-एक नोट की डिटेल है।
जिले में पांच करेंसी चेस्ट
शहडोल में पांच करेंसी चेस्ट हैं। इनमें से चार स्टेट बैंक के पास है, जबकि एक सेंट्रल बैंक के पास। स्टेट बैंक में करेंसी चेस्ट शहडोल, धनपुरी, अमलाई और ब्यौहारी में है। इनकी लिमिट 20-20 करोड़ रुपए की है। वहीं सेंट्रल बैंक के करेंसी चेस्ट की लिमिट 150 करोड़ की है। अन्य बैंक इन्हीं बैंकों से कैश लेते हैं या फिर अपनी नजदीकी शाखा से कैश मंगाते हैं। यह आरबीआई के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस चेस्ट को कितना कैश दे रहा है। जिले में अभी कम कैश ही दिया जा रहा है। करेंसी चेस्ट में हमेशा डिमांड बनी रहती है।
टोटल करंसी नहीं मिल रही
आरबीआई से टोटल और बड़ी करेंसी नहीं मिल रही है। बस काम चलाने के मुताबिक कैश मिल रहा है। यह नोटबंदी के बाद से दिक्कत हो रही है। पहले सेंट्रल बैंक के पास ही डिमांड के मुताबिक पूरा कैश मौजूद रहता था। अब उसका आधा भी नहीं मिल पा रहा है। यही हाल अन्य करेंसी चेस्ट का है। यानि अगर बैेंक एक बार में 50 करोड़ की डिमांड करते हैं तो नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि कैश की कमी बनी रहती है। बैंकों की ओर से इन्डेंट (डिमांड) भेजी जा चुकी है।
इनका कहना है
एटीएम में पैसे नहीं होने की शिकायत मिली है। करीब 60 फीसदी एटीएम खाली है। इसकी वजह 500 और 2000 के नोटों का कम होना है। बैंकों को काम चलाने के मुताबिक कैश ही मिल रहा है। ज्यादा कैश के लिए आरबीआई को पत्र लिख दिया है।
विजय चौरसिया, लीड बैंक मैनेजर
Created On :   17 April 2018 1:34 PM IST