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परमबीर सिंह को 21 अक्टूबर तक मिली राहत, शुक्ला के खिलाफ भी नहीं होगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह जाति उत्पीड़न से जुड़े मामले में आरोपी परमवीर सिंह के खिलाफ 21 अक्टूबर 2021 तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगी। राज्य सरकार ने 24 मई 2021 को कोर्ट आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। इसके तहत सरकारी वकील जेपी याज्ञनिक ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार की ओर से सिंह के खिलाफ कार्रवाई न करने के आश्वासन को 21 अक्टूबर तक के लिए बढाया जाता है। इसके बाद खंडपीठ ने सिंह की याचिका पर सुनवाई 20 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दी। अकोला में तैनात पुलिस अधिकारी बी.आर घाडगे ने सिंह के खिलाफ ठाणे पुलिस स्टेशन में जाति उत्पीड़न (एट्रोसिटी) के आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। घाडगे ने शिकायत में दावा किया है कि मैंने सिंह के एक मामले में आरोपियों का पक्ष लेनेवाले अवैध आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। इसलिए मुझे झूठे मामले में फंसाया गया और जातिसूचक टिप्पणी की गई। चूंकी खंडपीठ शुक्रवार को दोपहर के बाद उपलब्ध नहीं थी। इसलिए सिंह के मामले का खंडपीठ के सामने उल्लेख किया गया। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
आईपीएस अधिकारी शुक्ला के खिलाफ भी नहीं होगी कार्रवाई
इस बीच खंडपीठ के सामने आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला से जुड़ा मामला भी सुनवाई के लिए आया। खंडपीठ ने इस मामले को भी 20 अक्टबूर तक के लिए स्थगित कर दिया। जबकि राज्य सरकार ने खंडपीठ को आश्वस्त किया कि वह आईपीएस अधिकारी शुक्ला के खिलाफ भी 21 अक्टूबर तक कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद के खिलाफ दर्ज अवैध टैपिंग के मामले को रद्द करने की मांग की है।
Created On :   1 Oct 2021 6:00 PM IST