लापता परमबीर सिंह को राहत नहीं देना चाहती राज्य सरकार

Caste harassment case - State government does not want to give relief to missing Parambir Singh
लापता परमबीर सिंह को राहत नहीं देना चाहती राज्य सरकार
जाति उत्पीड़न मामला लापता परमबीर सिंह को राहत नहीं देना चाहती राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह जाति उत्पीड़ने से जुड़े मामले में आरोपी परमवीर सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न करने के अपने आश्वासन को जारी रखने की इच्छुक नहीं है। क्योंकि सिंह लापता हो गए है। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डेरिस खंबाटा ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। राज्य सरकार ने 24 मई 2021 को कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। जिसे समय-समय पर बढाया जाता रहा है। हाईकोर्ट में सिंह की ओर से इस मामले को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सिंह की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि अभी सिंह को भगौड़ा नहीं घोषित किया गया है। ऐसे में उन्हें मिली राहत को कैसे खत्म किया जा सकता है। सिंह को 21 अक्टूबर तक अंतरिम राहत मिली हुई है। खंडपीठ ने अब सिंह की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई रखी है। अकोला में तैनात पुलिस अधिकारी बी.आर घाडगे ने सिंह के खिलाफ ठाणे पुलिस स्टेशन में जाति उत्पीड़न (एट्रासिटी) के आरोपों को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। घाडगे ने शिकायत में दावा किया है कि सिंह के ठाणे पुलिस आयुक्त रहते एक मामले में आरोपियों का पक्ष लेनेवाले उनके अवैध आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। इसलिए मुझे झूठे मामले में फंसाया गया और जातिसूचक टिप्पणी की गई। 

आईपीएस अधिकारी शुक्ला की याचिका पर सुनवाई आज

इस बीच खंडपीठ के सामने आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला से जुड़ा मामला भी सुनवाई के लिए आया। खंडपीठ ने भी इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई रखी है। शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर खुद के खिलाफ दर्ज अवैध टैपिंग के मामले को रद्द करने की मांग की है। 
 

Created On :   20 Oct 2021 8:37 PM IST

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