सीबीआई ने किया देशमुख की जमानत का विरोध, कहा - लगे हैं गंभीर आरोप, 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई 

CBI opposes Deshmukhs bail, says there are serious allegations, next hearing on October 18
सीबीआई ने किया देशमुख की जमानत का विरोध, कहा - लगे हैं गंभीर आरोप, 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई 
विशेष अदालत सीबीआई ने किया देशमुख की जमानत का विरोध, कहा - लगे हैं गंभीर आरोप, 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को मुंबई की विशेष अदालत में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपी राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के जमानत आवेदन का विरोध किया है। सीबीआई ने इस संबंध में विशेष न्यायाधीश एसएच गवलानी के सामने हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में कहा गया है कि देशमुख पर गंभीर आरोप है। इसलिए वे जमानत का हक नहीं रखते है। सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा है कि देशमुख पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित किए गए पूर्व न्यायमूर्ति केयू चांदिवाल आयोग के सामने गवाहों ने जो बयान दिए हैं, उस पर विचार न किया जाए। क्योंकि इस आयोग को कोई कानूनी मान्यता नहीं है। यह आयोग मुख्य रुप से मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए गठित किया गया था। भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सीबीआई ने जो आरोपपत्र दायर किया है उसमें शामिल किए गए दस्तावेजी सबूत व गवाहों के बयान इस प्रकरण में देशमुख की भूमिका को दर्शाते हैं। हलफनामें में कहा कि गया है कि इस मामले में सरकारी गवाह बने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने जो सबूत दिए है। वे देशमुख पर लगे आरोपों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। देशमुख को यदि इस मामले में जमानत दी गई तो वे प्रकरण से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड व गवाहों को प्रभावित कर सकते है। इसके साथ ही उनके देश छोड़कर जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। 

वहीं देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने न्यायाधीश के सामने दावा किया कि इस मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी की गवाही प्रमाणिक नहीं है। देशमुख को मनीलांडरिग मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे कायम रखा है। सीबीआई ने जो मामला दर्ज किया है वह पूरी तरह से उसकी सनक का नतीजा है। इसलिए मेरे मुवक्किल जमानत पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने 18 अक्टूबर को अब देशमुख के जमानत आवेदन पर सुनवाई रखी है। 

गौरतलब है कि तत्कालिन मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख के भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। इसके मुताबिक देशमुख ने पुलिस अधिकारी को मुंबई के बार व रेस्टोरेंट से हर माह सौ करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था। बांबे हाईकोर्ट ने अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई के बाद सीबीआई को इस मामले की प्रारंभिक जांच का निर्देश दिया था। जांच के बाद सीबीआई ने इस मामले को लेकर देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने देशमुख के साल 2019 से 2021 के बीच भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की थी। 
 

Created On :   14 Oct 2022 9:30 PM IST

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