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नागपुर में जहरीली सुपारी आयात मामले में सीबीआई का 19 जगहों पर छापा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सार्क देशों की सुपारी बताकर मलेशिया से खराब और जहरीली सुपारी आयात करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को मुंबई, नागपुर और अहमदाबाद के 19 ठिकानों पर छापेमारी की है। दरअसल साल 2016 जून में नागपुर के इतवारी स्टेशन पर जहरीली सुपारी भरे 23 वैगन (डिब्बे) मिले थे। साथ ही डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने साल 2017 में कस्टम ड्यूटी चोरी कर भारत-म्यांमार सीमा के रास्ते ये सुपारी नागपुर लाने का खुलासा किया था। चार मामलों में तीन सौ मीट्रिक टन से ज्यादा हानिकारक सुपारी जब्त की गई थी।
सुपारी फर्जी नामों और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर मंगाई गई थी। बुधवार को कस्टम एजेंट, सुपारी आयात करने वाली कंपनियों, उनके मालिकों के घरों समेत दूसरे संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की गई। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और दूसरे सामान बरामद किए गए हैं।
नागपुर खंडपीठ में दाखिल हुई थी जनहित याचिका
दरअसल डॉ महबूब चिंतनवाला नाम के व्यक्ति ने बांबे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसी साल फरवरी में सीबीआई को मामले के छानबीन के निर्देश दिए थे। इसी साल मार्च में सीबीआई की नागपुर एसीबी यूनिट ने अज्ञात कस्टम अधिकारियों और दूसरे आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की थी।
कस्टम ड्यूटी बचाने फर्जीवाड़ा
दरअसल सार्क देशों से संबंध बेहतर करने के लिए वहां से सुपारी के आयात पर सरकार सिर्फ 13 फीसदी कस्टम ड्यूटी वसूलती है, जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों से आयात पर 113 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। इसी ड्यूटी से बचने के लिए आरोपी फर्जीवाड़ा करते थे। आरोप है कि व्यापारियों ने कस्टम अधिकारियों से मिलीभगत कर सुपारी से जुड़े जाली कागजात तैयार कर नकली और कम कीमत वाले बिल के आधार पर नुकसानदेह सुपारी आयात की। आशंका है कि इसके जरिए हर साल सरकार को 15 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाया जाता था।
Created On :   30 Jun 2021 10:15 PM IST