मुंबई के आरपीएफ थानों में नहीं लग पाए हैं सीसीटीवी कैमरे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब तक अमल नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बावजूद मुंबई में स्थित रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के थानों में सीसीटीवी नहीं लगाए जा सके हैं। सूचना के अधिकारी कानून (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है। दिसंबर 2020 में दिए अपने आदेश में सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि जिन एजेंसियों के पास भी गिरफ्तारी और पूछताछ का अधिकार है वहां छह महीने के भीतर सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए। आरटीआई के तहत सीसीटीवी की जानकारी मांगने वाले समीर झवेरी ने कहा कि रेलवे कानून की धारा 179 और रेलवे की संपत्ति पर गैरकानूनी कब्जे के आरोप में किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार है। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक आरपीएफ कार्यालयों और थानों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। झवेरी ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही एक युवक ने मुंबई के अंधेरी आरपीएफ थाने में मारपीट की शिकायत की थी लेकिन सीसीटीवी न होने के चलते आरोपों की जांच नहीं की जा सकती थी। झवेरी ने कहा कि इसे लेकर सुप्रीमकोर्ट का आदेश बेहद साफ है। अदालत ने जांच एजेंसियों को न सिर्फ सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि उसमें आवाज की भी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए और थाने के हर हिस्से को सीसीटीवी की निगरानी में होना चाहिए। समीर झवेरी के आवेदन पर आरपीएफ के विभागीय आयुक्त विनीत खर्ब ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है उसके मुताबिक फिलहाल आरपीएफ कार्यालयों में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है लेकिन इसे लगाने की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही 29 आरपीएफ पोस्ट में 183 सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे। वहीं आरपीएफ के सेवानिवृत्त अधिकारी भागवत शर्मा ने कहा कि आरपीएफ अधिकारियों के पास सीसीटीवी लगाने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए आरपीएफ को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सीसीटीवी लगाने की मांग आरपीएफ अधिकारियों की ओर से रेल प्रशासन से तीन सालों से की जा रही है लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई।
Created On :   22 Jan 2023 8:53 PM IST