कृषि कानून पर पवार के विचार को केन्द्र ने सराहा, अब 8 जुलाई को ईंधन बढ़ोतरी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन

Center appreciates Pawars view on agriculture law
कृषि कानून पर पवार के विचार को केन्द्र ने सराहा, अब 8 जुलाई को ईंधन बढ़ोतरी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन
कृषि कानून पर पवार के विचार को केन्द्र ने सराहा, अब 8 जुलाई को ईंधन बढ़ोतरी के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने नए कृषि कानूनों को लेकर पूर्व कृषि मंत्री और राकांपा सुप्रीमों शरद पवार के इस ‘कथित’ विचार का स्वागत किया है कि नए कानूनों का पूरी तरह रद्द नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय इसके विवादास्पद हिस्से में बदलाव किया जाना चाहिए। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मैं पवार के रूख का स्वागत करता हूं। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार उनकी बात से सहमत है। हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार आंदोलन कर रहे किसानों के लिए परेशानी का कारण माने जा रहे हिस्सों पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा, ‘मैं सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनके अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए। भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए भी तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है’। बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नवंबर, 2020 से प्रदर्शन कर रहे हैं। 

किसान संगठनों का 8 जुलाई को ईंधन बढ़ोतरी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

उधर केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को तेज करने के लिए संयुक्त मोर्चा को और 67 किसान संगठनों का साथ मिल गया है। कृषि विरोधी कानूनों को निरस्त करने मांग को लेकर 218 दिन से आंदोलित किसान इस मुद्दे के अलावा अब ईंधन की कीमतों में हुई बेहताशा बढोतरी के विरोध में 8 जुलाई को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों के संघर्ष को और तेज करने की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर एक अहम बैठक की। बैठक में भाजपा और अन्य नेताओं के खिलाफ विरोध जारी रखने के अलावा किसान संघर्ष को तेज करने की योजना बनाई गई। इस दौरान और 67 किसान संगठनों ने भी भाग लिया। मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा है कि किसान आंदोलन ने ईंधन की कीमतों में बढोतरी के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, ट्रक, अन्य वाहनों और खाली रसोई गैस सिलेंडर के साथ, यातायात में बाधा डाले बिना सड़कों के किनारे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। एसकेएम ने सभी क्षेत्रों के लोगों से 8 जुलाई के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की, क्योंकि देश में ईंधन की अत्यधिक कीमतें सभी आम नागरिकों को प्रभावित करती हैं। एसकेएम ने कहा है कि भाजपा-आरएसएस सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और अन्य स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और किसानों के खिलाफ सुनियोजित साजिश के तहत मामले दर्ज कर रही हैं। कल उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में विरोध प्रदर्शन के बाद गाजियाबाद के कौशांबी पुलिस थाने ने किसानों की शिकायत दर्ज की। भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस पहले ही 500 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी थी, जिन्होंने वास्तव में एक सुनियोजित रणनीति के तहत घटनाओं को अंजाम दिया था। एसकेएम ने इन सभी मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि ये सभी मामले झूठे हैं और भाजपा-आरएसएस सरकारों द्वारा निर्दोष किसानों को झूठे मामलों में फंसाने के लिए किया जा रहा है।

Created On :   2 July 2021 3:08 PM GMT

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