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100 करोड़ मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार है केंद्र, फैसला रखा सुरक्षित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे सौ करोड़ रुपए वसूली के आरोप मामले में सरकार की निष्क्रियता के लिए कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यदि पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लेती तो कोई आसमान नहीं गिर जाता। मामला दर्ज होने के बाद सिर्फ कानून अपना काम करता। वहीं सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हम इस मामले की सीबीआई अथवा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की जांच के लिए तैयार हैं। इस मामले में कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
इस बीच कोर्ट ने मलाबार हिल पुलिस स्टेशन से मामले को लेकर स्टेशन डायरी मंगाई। किंतु स्टेशन डायरी न पेश किए जाने पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही मामले की दिनभर की सुनवाई के बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। दरअसल मामले को लेकर अधिवक्ता जयश्री पाटील ने मलबार हिल पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी। पाटील ने कहा कि पुलिस ने अब तक उनका बयान तक नहीं दर्ज किया है। पाटील ने अपनी याचिका में देशमुख पर लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई व किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है। इस पर खंडपीठ ने पुलिस से स्टेशन डायरी मंगाई। लेकिन राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि स्टेशन डायरी में कुछ नहीं लिखा गया है। शिकायत को सिर्फ इनवर्ड रजिस्ट्रर में दर्ज किया गया है।
स्टेशन डायरी में कुछ नहीं लिखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के लिए कमेटी गठित की है। मामले को लेकर दायर की गई दूसरी याचिका मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त सिंह एक साल से अधिक समय तक गृहमंत्री के साथ काम कर रहे थे। तब उन्होंने कुछ भी खुलासा नहीं किया। अब उन्होंने गलत इरादे से याचिका दायर की है। याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसलिए जुर्माने के साथ सिंह की याचिका को खारिज किया जाए। वहीं एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि वे मामले की सीबीआई अथवा प्रर्वतन निदेशालय की जांच को लेकर राजी हैं। हम इस बारे में कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ललिता कुमारी मामले में स्पष्ट किया है कि यदि किसी मामले में संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है तो पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह मामला दर्ज करे। इस मामले में यदि पुलिस मामला दर्ज कर लेती तो मामला खत्म हो जाता।
Created On :   31 March 2021 9:19 PM IST