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30 साल से दिल्ली सरकार की चिट्ठी के आधार पर केन्द्र जारी करता है डॉ आंबेडकर जयंती के अवकाश का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। (सुनील निमसरकर) - मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के भक्त होने का दावा तो करते हैं, लेकिन दशकों बाद भी वे दिल्ली सरकार की सरकारी छुट्टियों की सूची में डॉ बाबासाहेब की जयंती को शामिल कराने का फैसला नहीं ले सके है। पिछले तीन दशकों से दिल्ली सरकार इसके लिए केंद्र को एक चिट्ठी भेजकर 14 अप्रैल को सरकारी छुट्टी घोषित करने की इजाजत मांगती है। हैरानी की बात यह है कि केन्द्र सरकार भी दिल्ली सरकार के इसी पत्र के आधार पर दशकों से हर साल एक आदेश जारी कर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करती आ रही है। तत्कालीन दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल ने जनता की वर्षों पुरानी मांग का पालन करते हुए सर्वसम्मति से 17 जुलाई 1987 को डॉ आंबेडकर जयंती को राजपत्रित अवकाश के रुप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन काउंसिल ने न तो यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजा और नहीं इसे लागू किया। राष्ट्रीय राजधानी केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आने के बाद 1994 में मदनलाल खुराना दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री बने। इनसे भी काउंसिल के तत्कालीन प्रस्ताव को लागू करने की मांग की गई, लेकिन उन्होंने भी इसे लागू नहीं किया। तब से अब तक दिल्ली सरकार केंद्र को चिट्ठी भेजकर 14 अप्रैल को सरकारी छुट्टी घोषित कराने की इजाजत मांगती आ रही है। जबकि देश के लगभग सभी राज्यों ने 14 अप्रैल को सरकारी अवकाश की सूची में शामिल कर रखा है।
महात्मा गांधी की है, पर डॉ आंबेडकर जयंती नहीं है राष्ट्रीय अवकाश की सूची में शामिल
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने डॉ आंबेडकर जन्मशताब्दी वर्ष के दौरान वर्ष 1990 से 1994 तक 14 अप्रैल को राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। हालांकि इसके बाद आंबेडकरी संगठनों द्वारा केन्द्र से यह निरंतर मांग होती रही कि इसे राष्ट्रीय अवकाश की सूची में शामिल किया जाए, लेकिन केन्द्र की ओर छुट्टी घोषित करने का सिलसिला दिल्ली सरकार के अनुरोध पत्र के आधार पर ही चलता आ रहा है। केन्द्र सरकार ने इस संबंध में सोमवार को एक आदेश जारी कर दिया है।
यहां के डॉ आंबेडकर विचारमंच सहित अन्य संगठनों ने केन्द्र के आदेश के बाद प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिठ्ठी लिखकर 14 अप्रैल को विधिवत रुप से सरकारी छुटिटयों की सूची में शामिल करने की फिर मांग उठाई है। विचारमंच के महामंत्री आर एल केन कहना है कि पिछले 32 साल से दिल्ली सरकार से हमें इस दिन की छुट्टी के लिए मांग करनी पड़ रही है। दिल्ली सरकार केन्द्र को चिठ्ठी भेजती है, फिर केन्द्र एक आदेश जारी कर अवकाश घोषित करती है। हम सरकार से छुट्टी की भीख मांगते परेशान हो गए है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार विधिवत रूप से इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश की सूची में शामिल करें अन्यथा वे दोनों इस दिन पर अवकाश देना बंद कर दे। बता दें कि राष्ट्रीय अवकाश 26 जनवरी, 15 अगस्त और महात्मा गांधी की जयंती पर रहता है।
Created On :   8 April 2022 9:40 PM IST