फिल्म निर्माता के पाकिस्तान में रह रहे बच्चों को लेकर केंद्र सरकार को फटकार

Central government reprimanded for filmmakers children living in Pakistan
फिल्म निर्माता के पाकिस्तान में रह रहे बच्चों को लेकर केंद्र सरकार को फटकार
हाईकोर्ट फिल्म निर्माता के पाकिस्तान में रह रहे बच्चों को लेकर केंद्र सरकार को फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने  फिल्म निर्माता मुश्ताक नाडियाडवाला के बच्चों का पता लगाने की दिशा में अधूरे प्रयासों के लिए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।कोर्ट ने कहा कि विदेश मंत्रालय इस मामले में अपना शत प्रतिशत दे ।  फिल्म निर्माता नाडियाडवाला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि साल 2020 से पाकिस्तान में उसकी पत्नी व उसके परिवारवालों ने उनके नौ साल के बेटे व 6 साल की बेटी को अवैध रुप से अपने पास रखा है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि कम से कम केंद्र सरकार का विदेश मंत्रालय यह पता लगाए कि याचिकाकर्ता (फिल्म निर्माता) के बेटे पाकिस्तान में कहा है और उनसे एक बार संपर्क करे। 

बुधवार को जब यह याचिका न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी तो सरकारी वकीलआशिष चव्हाण ने कहा कि सरकार की ओर से फिल्म निर्माता के बच्चों की खोज के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार व पाकिस्तान के बीच सहयोग को लेकर कोई संधी नहीं है। चूंकि फिल्म निर्माता के बच्चे पाकिस्तान में है। इसलिए पाकिस्तान सरकार के सहयोग के बिना फिल्म निर्माता के बच्चों व पत्नी का पता नहीं लगाया जा सकता है। सरकारी वकील चव्हाण ने कहा कि 16 सितंबर 2022 को विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने फिल्म निर्माता के साथ बैठक की है। विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में स्थित भारतीय दूतावास को भी इस बारे में पत्र लिखा है। अब पत्र के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में सिर्फ प्रयास पर्याप्त नहीं है। हम चाहते है कि विदेश मंत्रालय में इस मामले में अपना शत प्रतिशत दे। हमारे सामने अधूरे आश्वासन न रखे जाए और होठ न हिलाए जाए। जब हम इससे संतुष्ट नहीं है तो याचिकाकर्ता (फिल्म निर्मता) इससे कैसे संतुष्ट हो सकता है। विदेशमंत्रालय बच्चों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करे। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद रखी है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता की पत्नी 26 नवंबर 2020 को आगंतुक वीजा पर बच्चों के साथ पाकिस्तान गई थी। जिसकी वैधता 13 अक्टूबर 2021 तक थी। किंतु पत्नी अपने पिता की सेहत ठीक न होने का हवाला देकर वह पाकिस्तान में रह रही है। इस बीच पत्नी ने लाहौर कोर्ट में बच्चों की कस्टडी को लेकर आवेदन दायर किया था। लाहौर की कोर्ट ने पत्नी को बच्चों की कस्टडी भी सौप दी है और पत्नी को बच्चों का संरक्षक घोषित कर दिया है। अब ससुरालवाले के प्रभाव के चलते पत्नी व बच्चे पाकिस्तान में रह रहे है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता के एक बच्चे का पासपोर्ट खत्म हो गया है। जबकि दूसरे बच्चे का पासपोर्ट इस साल अक्टूबर में खत्म हो जाएगा। याचिका में मांग की गई है कि विदेश मंत्रालय व भारत स्थित पाकिस्तान उच्चायुक्त को याचिकाकर्ता के बच्चों की सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए और बच्चों को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि इस तरह से पत्नी का बच्चों को अपनी हिरासत में रखना उचित नहीं है। 

 

Created On :   21 Sept 2022 8:29 PM IST

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