अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करे केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री ठाकरे की मांग

Central government Should cancels final year exams, CM Thackeray demanded to Prime Minister
अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करे केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री ठाकरे की मांग
अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करे केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री ठाकरे की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में नॉन प्रोफेशनल (गैर व्यावसायिक) कोर्स की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं लेने को लेकर दोबारा आग्रह किया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट कितने समय तक रहेगा इसका जवाब नहीं है। इसलिए अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को औसत मार्क्स (एग्रीगेट) देकर उत्तीर्ण किया जाए। अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जल्द ही फैसला लेने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बारे में भी फैसला लेने की जरूरत है। विद्यार्थियों की उनकी इच्छा के अनुसार मौखिक परीक्षा लेने की आवश्यकता है।

हर जिले में होगा संक्रामक रोग नियंत्रण अस्पताल 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई समेत राज्य के हर जिले में संक्रामक रोग नियंत्रण अस्पताल शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में इम्यूनोलॉजी लैब की संख्या बढ़ाने की जरुरत है। विभिन्न प्रकार के वायरस कैसे और क्यों उत्पन्न पैदा होते हैं। इस पर शोध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को दूसरी बीमारी होने की जानकारी सामने आ रही है। इसलिए कोरोना के बाद भी उपचार के लिए तंत्र विकसित करने की जरूरत है। 

दूसरी लहर आने नहीं दी जाएगी

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आने नहीं दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना मृत्यु दर कम करने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई के धारावी और वरली जैसे इलाकों में कोरोना नियंत्रण की सभी जगहों पर तारीफ हो रही है लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना उपचार के लिए ऑक्सीजन,वेंटिलेटर और अन्य सुविधाओं से युक्त साढ़े तीन लाख बिस्तर उपलब्ध हैं। लेकिन डॉक्टर, नर्स व कर्मचारियों की जरूरत है। कोरोना की दवाई अभी उपलब्ध नहीं है। इसलिए नागरिक अभी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को दवा और टीका समझकर कोरोना के साथ जीना सीखे। अब राज्य में लॉकडाऊन नहीं बल्कि अनलॉकिंग की प्रक्रिया आसान और जल्द होगी। 

मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य - प्रधानमंत्री

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना मृत्युदर को 1 प्रतिशत से भी कम करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि देश के 10 राज्यों में कोरोना के एक्टिव केस का प्रमाण 80 प्रतिशत है। इन 10 राज्यों ने कोरोना के विरूद्ध लड़ाई जीत लिया तो देश जीत जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के हालात पर महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात

सरकारी आंकडों के मुताबिक देशभर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 23 लाख के करीब पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कोविड-19 से ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों में कोरोना की स्थिति और इससे निपटने के लिए आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की। इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ की स्थिति से निपटने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बाढ़ से ग्रसित 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र, क र्नाटक, बिहार, उत्तरप्रदेश, असम और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में राज्यों की स्थिति का जायजा लिया था। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी हिस्सा लिया था। कोरोना कहर, लॉकडाउन और अनलॉक को लेकर प्रधानमंत्री समय-समय पर मुख्यमंत्रियों से च र्चा करते आए हैं। बीते 5 महीने में राज्यों के साथ मोदी की यह 7वीं बैठक है। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री ने आज जिन 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की उनमें महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश शामिल है। भारत में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 22 लाख 68 हजार 676 हो गई है। इनमें से 45 हजार 257 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 लाख 83 हजार 490 मरीज ठीक हुए हैं। 
 

Created On :   11 Aug 2020 7:45 PM IST

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